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नेपाल में राजशाही की वापसी की मांग: युवाओं का प्रदर्शन जारी

नेपाल में युवाओं का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है, जहां राजशाही की वापसी की मांग जोर पकड़ रही है। पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की स्थिति और जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। हाल ही में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय ने लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और नेपाल का भविष्य क्या हो सकता है।
 

नेपाल में बढ़ते प्रदर्शन और राजशाही की मांग

नेपाल में युवा वर्ग का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में हुए तख्तापलट के बाद, वहां की सेना ने सत्ता संभाल ली है। इस स्थिति में बढ़ती हिंसा के बीच, नेपाल के भविष्य को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। वर्तमान में, नेपाल में राजशाही की वापसी की मांग जोर पकड़ रही है, जिससे यह संकेत मिलता है कि नेपाल में एक बार फिर राजशाही की स्थापना हो सकती है। काठमांडू में मार्च में राजशाही और हिंदू राज्य की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। पूर्व राजा ज्ञानेंद्र सिंह भी इस मुद्दे पर सक्रिय नजर आ रहे हैं। आइए जानते हैं कि नेपाल का शाही परिवार इस समय क्या कर रहा है।


पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की स्थिति

2008 में राजशाही के समाप्त होने के बाद से पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह आम नागरिक की तरह जीवन बिता रहे हैं। उनका मुख्य निवास काठमांडू में निर्मल निवास है, लेकिन 2024 की शुरुआत में, वे नागार्जुन पहाड़ियों में हेमंताबास नामक फार्महाउस में रहने लगे हैं।


नेपाल की जनता का गुस्सा कैसे भड़का?

राजशाही के अंत के बाद नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना हुई, जिससे युवाओं को बेहतर भविष्य की उम्मीद थी। लेकिन विभिन्न लोकतांत्रिक सरकारों ने लोगों की अपेक्षाओं को पूरा नहीं किया। महंगाई और बेरोजगारी ने लोगों को निराश किया, और भ्रष्टाचार तथा वंशवादी राजनीति ने गुस्से को और बढ़ा दिया। हाल ही में, जब नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की, तो जनता का गुस्सा फूट पड़ा और युवा सड़कों पर उतर आए। सरकार ने सख्ती से निपटने की कोशिश की, जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद, मंगलवार को जनता का आक्रोश सामने आया, जिससे सरकार को न केवल सत्ता से बेदखल किया गया, बल्कि संसद भवन और सिंह दरबार जैसी लोकतांत्रिक संस्थाओं में भी आग लगा दी गई।