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नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन

नेपाल में जेनरेशन Z के नेतृत्व में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू में अपनी असहमति जताई, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस के साथ झड़पें हुईं और कम से कम 18 लोग मारे गए। सरकार ने फेसबुक, व्हाट्सऐप और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया है, जिससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर चिंता बढ़ गई है। जानें इस स्थिति का विस्तार से।
 

काठमांडू में विरोध प्रदर्शन

काठमांडू में जेनरेशन Z के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप और प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब और स्नैपचैट पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ आवाज उठाई गई। हजारों प्रदर्शनकारी अपनी असहमति व्यक्त करने के लिए काठमांडू के मैतीघर में इकट्ठा हुए। जब प्रदर्शनकारियों ने संसद परिसर में घुसने की कोशिश की, तो स्थिति और बिगड़ गई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पानी की बौछारें, आंसू गैस और गोला-बारूद का इस्तेमाल किया। नेपाल में बढ़ती अशांति के कारण भारत ने भी अपनी सुरक्षा को बढ़ा दिया है। सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने भारत-नेपाल सीमा पर निगरानी को कड़ा कर दिया है और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त जवानों को तैनात किया है।


प्रदर्शन में बढ़ती हिंसा

सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों ने सोमवार को गंभीर रूप ले लिया, जिसमें पुलिस के साथ झड़पों में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई। काठमांडू पोस्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारी नेपाली संसद के बाहर पुलिस से भिड़ गए, और यह आंदोलन प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के गृहनगर तक फैल गया, जो राजधानी से लगभग 400 किलोमीटर दूर है। प्रदर्शनकारियों ने पूर्वी नेपाल के कोशी प्रांत के दमक क्षेत्र में ओली के पैतृक घर पर पथराव किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को चेतावनी स्वरूप गोलियां चलानी पड़ीं। 


सोशल मीडिया प्रतिबंध का कारण

नेपाल सरकार ने चार सितंबर को अनिवार्य पंजीकरण प्रक्रिया का पालन न करने पर फेसबुक, व्हाट्सऐप और एक्स सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार का कहना है कि यह प्रतिबंध सोशल मीडिया को विनियमित करने के लिए लगाया गया है, लेकिन आम जनता का मानना है कि इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला होगा और सेंसरशिप की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। प्रदर्शनकारियों ने कंटीली तारों को तोड़कर संसद भवन को घेर लिया और दंगा पुलिस को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और पानी की बौछारें छोड़ीं और गोलियाँ भी चलाईं। इस बीच, राष्ट्रपति आवास, उपराष्ट्रपति आवास, बलुवाटार स्थित प्रधानमंत्री आवास और आसपास के क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।