नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बीच कैदियों का सामूहिक भागना
नेपाल में हाल के हिंसक प्रदर्शनों के बीच, 18 जिलों की जेलों से 6,000 से अधिक कैदी भाग गए हैं। इस स्थिति ने देश में अराजकता को और बढ़ा दिया है। नेपाल सेना ने राष्ट्रपति भवन पर नियंत्रण कर लिया है, जबकि नेपालगंज में कर्फ्यू लागू किया गया है। जानें इस संकट की पूरी कहानी और इसके पीछे के कारण।
Sep 10, 2025, 13:24 IST
नेपाल की जेलों से कैदियों का भागना
नेपाल में हालिया हिंसक प्रदर्शनों के चलते विभिन्न जेलों से कैदियों के भागने की घटनाएं सामने आई हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 18 जिलों की जेलों से 6,000 से अधिक कैदी फरार हो गए हैं। जानकारी के अनुसार, कई स्थानों पर कैदियों ने जेल के दरवाजे तोड़ दिए, जबकि कुछ ने चारदीवारी को भी तोड़कर बाहर निकलने का प्रयास किया। इस सामूहिक जेल ब्रेक ने देश में पहले से ही मौजूद अराजकता को और बढ़ा दिया है, जिससे अधिकारियों को स्थिति को नियंत्रित करने में कठिनाई हो रही है।
राष्ट्रपति भवन पर नेपाल सेना का नियंत्रण
नेपाल सेना ने राष्ट्रपति भवन पर कब्ज़ा किया
नेपाल सेना ने राष्ट्रपति भवन, जिसे शीतल निवास के नाम से जाना जाता है, पर नियंत्रण कर लिया है। भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा इसे नुकसान पहुँचाने और आग लगाने के बाद, इसे सेना ने अपने अधीन कर लिया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उनका आंदोलन जन अधिकारों, पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग के लिए था। हालाँकि, यह आंदोलन हिंसक हो गया, जिससे सरकारी संपत्ति पर हमले और आगजनी की घटनाएं बढ़ गईं। सरकारी अधिकारियों और सुरक्षा बलों ने अब क्षेत्र की घेराबंदी कर दी है और स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास कर रहे हैं।
नेपालगंज में कर्फ्यू की घोषणा
नेपालगंज में कर्फ्यू लगा, ज़रूरी कामों की इजाज़त
बढ़ते तनाव के कारण नेपालगंज में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी और आवश्यक कार्यों के लिए यात्रा करने वालों को रोका नहीं जाएगा। भारतीय सुरक्षा बल कथित तौर पर स्थिति पर नजर रखने के लिए नेपाली सेना के संपर्क में हैं।