नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर नए ट्रैफिक समाधान की योजना
उत्तर प्रदेश में सड़क कनेक्टिविटी का विस्तार
उत्तर प्रदेश समाचार: उत्तर प्रदेश में सड़क नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है, जिससे आवागमन की सुविधा बढ़ाई जा रही है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जहां प्रतिदिन एक लाख से अधिक वाहन चलते हैं। इस बढ़ते ट्रैफिक के कारण अक्सर जाम की स्थिति उत्पन्न होती है।
नया एक्सप्रेसवे निर्माण
नया एक्सप्रेसवे
नोएडा एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक को कम करने के लिए एक नया एक्सप्रेसवे बनाने की योजना बनाई जा रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस संबंध में जानकारी दी कि एनएचएआई इस परियोजना पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
वाहनों की बढ़ती संख्या
वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या
गडकरी ने जेवर में एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि एनएचएआई इस परियोजना को संभाल सकता है और धन की कोई कमी नहीं होगी। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ती जा रही है, खासकर पीक आवर्स में।
परियोजना के लिए धन की उपलब्धता
पैसे की कोई कमी नहीं है
मार्च में, नोएडा अथॉरिटी ने इस परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। यूपी के चीफ सेक्रेटरी ने तीनों अथॉरिटी से सहयोग की अपील की थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली एनसीआर में 1.2 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।
NHAI की मंजूरी की आवश्यकता
NHAI की अनुमति का इंतजार
इस योजना को लागू करने के लिए एनएचएआई की औपचारिक मंजूरी की आवश्यकता है। महेश शर्मा ने नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए रिवरसाइड बाईपास बनाने की मांग की, जिससे यमुना एक्सप्रेसवे से एयरपोर्ट तक पहुंचने में आसानी होगी।