नोएडा में जलभराव से राहत के लिए बनेगा नया हेड रेग्युलेटर
जलभराव से सुरक्षा के लिए नई योजना
नोएडा समाचार: नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के निकट स्थित सेक्टर, सोसायटी और गांवों को यमुना और हिंडन नदी के जलभराव से बचाने के लिए एक नई योजना बनाई गई है। सेक्टर-150 के पास हिंडन नदी पर पहला हेड रेग्युलेटर स्थापित करने की योजना को अंतिम रूप दिया गया है। इससे बाढ़ की स्थिति में यमुना-हिंडन का बैकफ्लो रोकने में मदद मिलेगी, जिससे स्थानीय निवासियों को जलभराव से राहत मिलेगी। इस पर लंबे समय से विचार चल रहा था।
परियोजना की लागत और कार्यान्वयन
23 करोड़ रुपये की लागत: इस परियोजना पर लगभग 23 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पूरा खर्च नोएडा प्राधिकरण उठाएगा, जबकि निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा किया जाएगा। वर्ष 2023 में हिमाचल प्रदेश में बादल फटने के कारण यमुना का जलस्तर अचानक बढ़ गया था, जिसका असर नोएडा में भी देखने को मिला, जब सेक्टर-168 में बना हेड रेग्युलेटर विफल हो गया। यमुना का पानी एक्सप्रेसवे के किनारे बने नालों में घुस गया था।
जलभराव की समस्या का समाधान
कई क्षेत्रों में जलभराव: उस समय सेक्टर-142 से लेकर सेक्टर-137 तक की सड़कों और सोसायटियों में भारी जलभराव हो गया था। इसी दौरान सेक्टर-150 के मोमनाथल गांव के पास हिंडन नदी में यमुना का जल बैकफ्लो होकर पहुंचा, जिससे सेक्टर-145, 148 और 150 के गांवों और कॉलोनियों की सड़कें डूब गई थीं। यह पहली बार था जब 40 वर्षों में यमुना का पानी पुश्ता तक पहुंचा था।
निर्माण कार्य की प्रगति
दो वर्षों से चल रही तैयारी: नोएडा प्राधिकरण ने 2023 से इस परियोजना पर काम करना शुरू किया था। सिंचाई विभाग के साथ कई संयुक्त निरीक्षण किए गए हैं। हाल ही में प्राधिकरण ने सर्वेक्षण और डिजाइन कार्य के लिए 30 लाख रुपये सिंचाई विभाग को दिए थे। अब सिंचाई विभाग ने हेड रेग्युलेटर के निर्माण के लिए 23 करोड़ रुपये का विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर प्राधिकरण को भेजा है। बजट की स्वीकृति के बाद अनुबंध प्रक्रिया शुरू होगी और निर्माण कार्य में तेजी आएगी।
स्थायी समाधान की उम्मीद
जलनिकासी व्यवस्था में सुधार: नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक सिविल, अशाक कुमार अरोड़ा ने बताया कि इस हेड रेग्युलेटर के निर्माण से नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र की जलनिकासी व्यवस्था और बाढ़ सुरक्षा को मजबूत किया जाएगा। खासकर मानसून के दौरान यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण उत्पन्न खतरे को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा। सिंचाई विभाग ने एस्टीमेट प्राधिकरण को भेज दिया है। जल्द ही अनुबंध कर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।