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नोएडा में दो फर्मों पर आईटीसी धोखाधड़ी का मामला, 3.43 करोड़ रुपये का जुर्माना

नोएडा में राज्य कर विभाग ने दो फर्मों पर आईटीसी धोखाधड़ी का मामला उजागर किया है। सेक्टर-15 और सेक्टर-57 में स्थित इन फर्मों पर 3.43 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। एक कोचिंग फर्म ने गलत तरीके से 1.04 करोड़ रुपये का आईटीसी क्लेम किया, जबकि दूसरी फर्म ने 2.57 करोड़ रुपये का गलत दावा किया। दोनों फर्मों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए जुर्माना चुका दिया। इस कार्रवाई का नेतृत्व विशेष अनुसंधान शाखा के संयुक्त आयुक्त ने किया।
 

नोएडा में आईटीसी धोखाधड़ी का खुलासा

नोएडा समाचार: राज्य कर विभाग (एसजीएसटी) की टीम ने नोएडा के सेक्टर-15 और सेक्टर-57 में स्थित दो कंपनियों पर छापा मारकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) में धोखाधड़ी का मामला उजागर किया है। इन दोनों फर्मों पर कुल 3.43 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसे वसूल कर लिया गया है।


कोचिंग फर्म का गलत आईटीसी दावा

अपर आयुक्त ग्रेड-दो विवेक आर्य ने बताया कि नोएडा रेंज की टीम ने यह कार्रवाई की। सेक्टर-15 में स्थित एक कोचिंग सेवा प्रदाता फर्म ने कंस्ट्रक्शन और इंटीरियर्स पर 1.04 करोड़ रुपये का आईटीसी गलत तरीके से क्लेम किया था, जो नियमों के खिलाफ था। जांच के दौरान, फर्म ने अपनी गलती स्वीकार की और 9 सितंबर को 85.85 लाख रुपये की राशि सरकारी खजाने में जमा कर दी।


दूसरी फर्म का 2.57 करोड़ का गलत दावा

सेक्टर-57 में स्थित एक फर्म, जो लिथियम आयन बैटरी और पावर बैंक की असेंबलिंग और बिक्री करती है, ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में जीएसटीआर-2 बी में उपलब्ध न होने के बावजूद 2.57 करोड़ रुपये का आईटीसी गलत तरीके से क्लेम किया। जांच में यह भी पाया गया कि फर्म के पास 6.63 लाख रुपये का स्टॉक घोषित मात्रा से कम था। फर्म ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए पूरी 2.57 करोड़ रुपये की राशि विभागीय खजाने में जमा कर दी।


जांच टीम की सटीक कार्रवाई

इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व विशेष अनुसंधान शाखा के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने किया। जांच दल में उपायुक्त निखिल बाजपेई, सहायक आयुक्त अजय कुमार श्रीवास, राज्य कर अधिकारी कृष्ण नारायण शर्मा, राघवेंद्र प्रताप सिंह और प्रशासनिक अधिकारी सुनील कुमार शामिल थे।