×

नोएडा में फर्जी अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसी का भंडाफोड़: छह गिरफ्तार

नोएडा पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने सरकारी अधिकारियों का रूप धारण कर नकली पहचान पत्र और जाली दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया। पुलिस ने फर्जी कार्यालय का पर्दाफाश करते हुए बड़ी मात्रा में नकली दस्तावेज़ बरामद किए हैं। इस मामले में गाजियाबाद में भी एक नकली दूतावास का खुलासा हुआ है। जानें इस धोखाधड़ी के पीछे की पूरी कहानी और गिरफ्तार आरोपियों के बारे में।
 

फर्जी कार्यालय का खुलासा

नोएडा पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय पुलिस और अपराध जांच ब्यूरो के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी सरकारी अधिकारियों का रूप धारण कर नकली पहचान पत्र, जाली दस्तावेज़ और पुलिस के प्रतीक चिन्हों का उपयोग कर रहे थे।


धोखाधड़ी की योजना

पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने नोएडा के फेज़ 3 क्षेत्र में एक नकली कार्यालय खोला और खुद को एक अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसी का सदस्य बताया। उन्होंने अपनी वैधता साबित करने के लिए जाली दस्तावेज़ और पहचान पत्र का सहारा लिया। इसके अलावा, उन्होंने एक वेबसाइट www.intlpcrib.in भी बनाई, जहां वे असली दिखने वाले प्रमाणपत्रों के माध्यम से लोगों से दान मांगते थे।


पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने इस फर्जी कार्यालय का पर्दाफाश करते हुए वहां से बड़ी मात्रा में नकली पहचान पत्र, सरकारी दस्तावेज़, पासबुक और चेकबुक बरामद की। डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि आरोपियों के पास नकली स्टाम्प, लेटरहेड और सरकारी प्रतीकों की प्रतिकृतियां भी मिली हैं। यह मामला हाल ही में गाजियाबाद में सामने आए नकली दूतावास से संबंधित है, जहां भी आधिकारिक प्रतीकों का दुरुपयोग किया गया था।


गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान विभाष, अराग्य, बाबुल, पिंटूपाल, सम्पदाल और आशीष के रूप में हुई है, जो सभी पश्चिम बंगाल के निवासी हैं। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इनका नेटवर्क कितना बड़ा था और वे किन लोगों को निशाना बना रहे थे।


गाजियाबाद में नकली दूतावास का खुलासा

नोएडा मामले के कुछ हफ्ते बाद, गाजियाबाद पुलिस ने भी एक नकली दूतावास का भंडाफोड़ किया। कवि नगर क्षेत्र में एक किराए के मकान से 47 वर्षीय हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया गया, जो खुद को वेस्टआर्कटिका नामक स्वघोषित राष्ट्र का राजदूत बताता था।


नकली राजनयिक पहचान का मामला

अधिकारी बताते हैं कि वेस्टआर्कटिका अंटार्कटिका के पश्चिमी हिस्से में एक काल्पनिक राष्ट्र है, जिसे भारत या किसी अन्य संप्रभु राष्ट्र द्वारा मान्यता नहीं दी गई है। जैन ने उत्तरी इटली के सेबोर्गा, स्वीडन के लाडोनिया और पोल्विया जैसे अन्य सूक्ष्म राष्ट्रों का प्रतिनिधित्व करने का भी दावा किया था।


जैन का काल्पनिक राजनयिक इतिहास

पुलिस के अनुसार, जैन की यह नकली राजनयिक पहचान कई वर्षों से चल रही है। 2012 में उसे सेबोर्गा के "सलाहकार" के रूप में नामित किया गया था और 2016 में वह वेस्टआर्कटिका का "मानद वाणिज्यदूत" बना। पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या इन नकली संगठनों का उपयोग धोखाधड़ी और अवैध वित्तीय लेनदेन के लिए किया जा रहा था।