न्यूजीलैंड में सिख नगर कीर्तन पर विरोध: एडवोकेट धामी की चिंता
शांति और सहिष्णुता का संदेश
अमृतसर- शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने रविवार को न्यूजीलैंड में सिखों के नगर कीर्तन के खिलाफ कुछ स्थानीय लोगों द्वारा किए गए विरोध पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने इसे अत्यंत दुखद और चिंताजनक बताया।
धामी ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि सिख समुदाय ने हमेशा विश्व कल्याण, शांति, सहिष्णुता और प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके बावजूद, सिखों की धार्मिक परंपराओं को नकारात्मक दृष्टिकोण से देखना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि सिख धर्म की नींव मानवता की सेवा, भाईचारे और सर्व कल्याण पर आधारित है। नगर कीर्तन एक पवित्र धार्मिक परंपरा है, जो समाज में आपसी समझ, प्रेम और एकता का संदेश देती है। ऐसे आयोजनों का विरोध करना गुरुओं के सार्वभौमिक संदेश पर सीधा प्रहार है।
एडवोकेट धामी ने कहा कि सिख समुदाय ने हमेशा स्थानीय लोगों के साथ सद्भाव में रहने का प्रयास किया है और वे हर देश के कानूनों और स्थानीय संस्कृति का सम्मान करते हैं। सिख आयोजनों के दौरान लंगर और निस्वार्थ सेवा के माध्यम से मानवता के कल्याण का संदेश फैलाया जाता है, जिससे सामाजिक एकता को बढ़ावा मिलता है।
उन्होंने न्यूजीलैंड और केंद्र सरकार से अपील की कि वे इस मामले पर गंभीरता से ध्यान दें और सिख समुदाय को उनके धार्मिक अधिकारों के अनुसार कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सुरक्षित और सहायक वातावरण प्रदान करें। धार्मिक स्वतंत्रता और आपसी सम्मान किसी भी बहुसांस्कृतिक समाज की पहचान हैं। उन्होंने कहा कि गुरु की शिक्षाओं के मार्गदर्शन में इस मुद्दे का समाधान किया जाना चाहिए और कटुता का माहौल नहीं बनाना चाहिए।