पंचकूला की सीमा गुप्ता का तीसरा काव्य संग्रह विमोचित
काव्य संग्रह का विमोचन
पंचकूला की निवासी सीमा गुप्ता ने अपने तीसरे काव्य संग्रह 'प्रेम में ही संभव है दिगंबर' का विमोचन अभिव्यक्ति साहित्यिक संस्था द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में किया। इससे पहले, उनका काव्य संग्रह 'चांदी की डिब्बी' और 'नील पाखी' भी प्रकाशित हो चुका है, जिन्हें साहित्य जगत में सराहा गया है।
विमोचन समारोह में हरियाणा उर्दू अकादमी के प्रमुख डॉ. चंद्र त्रिखा ने कहा कि सीमा की कविताएं मानव मन की जिज्ञासाओं को छूते हुए अध्यात्म की ओर ले जाती हैं। मुख्य अतिथि, हरियाणा साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने इस संग्रह में आत्मा की यात्रा और परम सत्ता के अनुभव का चित्रण बताया।
सीमा गुप्ता ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि यह यात्रा आत्मशुद्धि और निराकार को आकार देने का अद्भुत अनुभव रही है। उन्होंने बताया कि यह पुस्तक अक्का महादेवी पर आधारित है, जो बारहवीं शताब्दी की एक दिगंबर शिव भक्त थीं।
आस्था गुप्ता ने अपनी मां के इस काव्य संग्रह को उनके व्यक्तित्व का अभिन्न हिस्सा बताया। विमोचन के बाद, अभिव्यक्ति की मासिक गोष्ठी का आयोजन किया गया। साहित्यकार डॉ. अश्वनी शांडिल्य ने कहा कि कविताएं अंतर्मन की यात्रा में पीड़ा के रास्ते असंभव को संभव बनाने की प्रक्रिया को दर्शाती हैं।
वरिष्ठ साहित्यकार विजय कपूर ने सीमा के काव्य को अमूर्त आध्यात्मिक विचारों को हृदयस्पर्शी रूप में प्रस्तुत करने वाला बताया। वहीं, डॉ. विमल कालिया ने इसे बहुत कुछ खोकर बहुत कुछ पाने की काव्यात्मक अभिव्यक्ति कहा। दीपक चनारथल ने सीमा की कविताओं को अनुभवों से आध्यात्मिक परिणीति के रूप में देखा।