पंचकूला में तेंदुए की मौजूदगी से हड़कंप, प्रशासन ने जारी किए सुरक्षा निर्देश
पंचकूला में तेंदुए की पुष्टि
शनिवार को हरियाणा के पंचकूला में हलचल मच गई जब सेक्टर 6 के रिहायशी क्षेत्र में एक तेंदुए के होने की सूचना मिली। यह क्षेत्र शहर के प्रमुख और घनी आबादी वाले हिस्सों में से एक है। सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने त्वरित रेस्क्यू अभियान शुरू किया और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी।
तेंदुए को सुरक्षित पकड़ने की कोशिश
प्रशासन का कहना है कि तेंदुए को सुरक्षित तरीके से पकड़ने के प्रयास जारी हैं, ताकि न तो नागरिकों को कोई नुकसान पहुंचे और न ही जानवर को।
सीसीटीवी फुटेज से तेंदुए की पहचान
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, स्थानीय घरों में लगे सीसीटीवी कैमरों में तेंदुआ स्पष्ट रूप से दिखाई दिया है। एक वीडियो में वह एक घर के लॉन में घूमता नजर आया, जबकि दूसरे फुटेज में वह दीवार फांदकर पास के घर में प्रवेश करता हुआ दिखा।
इन फुटेज के आधार पर अधिकारियों ने जानवर की गतिविधियों का दायरा निर्धारित किया है और उसी अनुसार टीमों को तैनात किया गया है।
स्थानीय निवासी की सतर्कता
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि वह डॉक्टर से लौट रहा था, तभी उसने सड़क के पास तेंदुए को देखा। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, उसने तुरंत वन विभाग और पुलिस को सूचित किया।
अधिकारियों का कहना है कि नागरिकों की ऐसी सतर्कता से संभावित बड़े हादसे टल सकते हैं।
प्रशासन की अपील
घटना के बाद, पंचकूला प्रशासन ने सेक्टर 6 और आसपास के क्षेत्रों के निवासियों को घरों के अंदर रहने की सलाह दी है। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को बाहर न निकलने के लिए कहा गया है।
प्रशासन द्वारा जारी निर्देश
- रात और सुबह के समय बाहर न निकलें
- खुले लॉन या पार्क में जाने से बचें
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें
- अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचना पर भरोसा करें
शहरों के पास वन्यजीवों की घटनाएं
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि शहरों का तेजी से फैलाव और जंगलों का सिमटना इस तरह की घटनाओं का मुख्य कारण है। पंचकूला और आसपास के क्षेत्रों में शिवालिक की पहाड़ियां और वन क्षेत्र निकट हैं, जिससे तेंदुए जैसे जानवर कभी-कभी रिहायशी इलाकों में आ जाते हैं।
एक वरिष्ठ वन्यजीव विशेषज्ञ के अनुसार, "तेंदुआ आमतौर पर इंसानों से दूरी बनाकर रखता है। वह भोजन या रास्ता भटकने की स्थिति में शहर की ओर आ सकता है। ऐसे मामलों में घबराने के बजाय संयम जरूरी है।"
पिछले घटनाक्रम
पिछले कुछ वर्षों में हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल के कई शहरों में तेंदुओं की मौजूदगी दर्ज की गई है। अधिकांश मामलों में वन विभाग ने समय रहते जानवर को सुरक्षित पकड़कर जंगल में छोड़ा है।
डेटा के अनुसार, पिछले पांच साल में उत्तर भारत के शहरी इलाकों में वन्यजीव प्रवेश की घटनाओं में करीब 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
आगे की योजना
अधिकारियों ने बताया कि इलाके में ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। विशेषज्ञ टीम तेंदुए की मूवमेंट पर नजर रख रही है। जरूरत पड़ने पर ट्रैंकुलाइजेशन का विकल्प अपनाया जाएगा।
प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।