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पंचकूला में विधायक चंद्रमोहन ने भाजपा सरकार पर उठाए सवाल

पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन ने हाल ही में एक प्रेस वार्ता में भाजपा सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने नगर निगम की कार्यप्रणाली, सफाई व्यवस्था, और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। चंद्रमोहन ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में नगर निगम के प्रतिनिधियों के प्रस्तावों को नजरअंदाज किया गया है और शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है। उन्होंने AMRUT योजना के तहत हुए खर्च को भी बर्बादी बताया। जानें और क्या कहा विधायक ने और उनकी बातों का क्या असर हो सकता है।
 

पंचकूला में प्रेस वार्ता


पंचकूला समाचार: विधायक चंद्रमोहन ने शनिवार को अपने निवास पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में भाजपा सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय में Adhoc समिति को चुनौती देने के बाद सरकार को इसे निरस्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जो कि पंचकूला की जनता और लोकतंत्र की जीत है।


चंद्रमोहन ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में नगर निगम पंचकूला में चुने गए प्रतिनिधियों के प्रस्तावों को लागू नहीं किया गया है। उन्होंने अवैध माइनिंग, निगम भूमि के दुरुपयोग और पेड़ पार्किंग के बकाया मामलों में निगम और ठेकेदारों की मिलीभगत का खुलासा किया।


उन्होंने कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है, करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद कूड़े के ढेर हर जगह फैले हुए हैं। पंचकूला की सफाई रैंकिंग भी गिर गई है। मानसून के बाद सड़कों की स्थिति भी खराब है, गड्ढों से भरी गलियों और घटिया निर्माण कार्य पर सवाल उठाए गए हैं।


AMRUT योजना के तहत लगभग 40 करोड़ रुपये की सीवरेज व्यवस्था को विफल बताते हुए विधायक ने कहा कि यह जनता के पैसे की बर्बादी है। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम की भूमि को सत्ता से जुड़े लोगों द्वारा ट्रस्ट के नाम पर हड़पने का काम चल रहा है।


बरसात के मौसम में सैक्टर-19 और अन्य क्षेत्रों में हर साल घरों में पानी घुसने की समस्या पर उन्होंने कहा कि विभागों के बीच समन्वय की कमी है। कानून व्यवस्था पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि "पंचकूला जैसे शांतिप्रिय जिले में चोरी, लूट, नशाखोरी और आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन बेबस नजर आ रहा है।"


विधायक ने कहा कि विपक्षी सांसदों, विधायकों और पार्षदों को सरकारी कार्यक्रमों से दूर रखना लोकतंत्र के खिलाफ है। "सरकारी कार्यक्रमों में विपक्ष के जनप्रतिनिधियों के नाम तक नहीं लिखे जाते।"


उन्होंने धारा 7A और परिवार पहचान पत्र के मामलों में सरकार की नीतियों को गरीब विरोधी बताया और कहा कि BPL सूची से पात्र परिवारों को बाहर कर देना सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है।


नगर निगम की कालोनियों में मूलभूत सुविधाओं की कमी और विज्ञापन बोर्डों के माध्यम से हो रही राजस्व हानि पर भी विधायक ने तीखा प्रहार किया।


चंद्रमोहन का जनता के प्रति वचन


उन्होंने कहा, "मैं हमेशा जनता के बीच रहता हूं। मेरे घर के दरवाजे जनता के लिए हमेशा खुले हैं। मैं जनता की आवाज बनकर उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ता रहूंगा।"


प्रेस वार्ता में उनके साथ कई कार्यकर्ता भी मौजूद थे, जिनमें सलीम, संदीप सोही, अक्षयदीप, गुरमेल कौर, उषा रानी, गौतम प्रसाद, नवीन बंसल (एडवोकेट), मनीष छाछिया (एडवोकेट), गुरमीत नंबरदार, ओम शुक्ला, पंकज वाल्मीकि शामिल थे।