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पंजाब और केंद्र सरकार के बीच राशन कार्ड विवाद: सीएम मान का कड़ा बयान

पंजाब और केंद्र सरकार के बीच राशन कार्ड को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार जन वितरण प्रणाली के तहत लोगों के राशन कार्ड काट रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र की योजनाओं के नियम पंजाब के लिए अलग हैं, लेकिन केंद्र इन नियमों की अनदेखी कर रहा है। मान ने स्पष्ट किया कि जब तक वह मुख्यमंत्री हैं, तब तक एक भी राशन कार्ड नहीं कटने देंगे। जानें इस मुद्दे के पीछे की पूरी कहानी और मान का कड़ा रुख।
 

राशन कार्ड को लेकर पंजाब और केंद्र सरकार में टकराव

चंडीगढ़ - पंजाब सरकार और केंद्र सरकार के बीच एक बार फिर से विवाद उत्पन्न हो गया है। इस बार का मुद्दा जन वितरण प्रणाली (PDS) से संबंधित राशन कार्ड है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज आरोप लगाया कि केंद्र सरकार लोगों के राशन कार्ड काट रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र की योजनाओं के नियम पंजाब के लिए अलग हैं, लेकिन केंद्र इन नियमों की अनदेखी कर रहा है।


कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, केंद्र सरकार ने पंजाब के 11 लाख राशन कार्डों को अपात्र घोषित किया है। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि ये लोग आयकरदाता हैं, उनके पास 5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि है, या वे निजी वाहनों के मालिक हैं। ये सभी शर्तें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत पात्रता मानकों का उल्लंघन करती हैं।


आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, पहले कामेडियन जसविंदर भल्ला को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद, मुख्यमंत्री मान ने राशन कार्ड के मुद्दे पर केंद्र से सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यदि एक परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी पर लग जाता है और वह शहर शिफ्ट हो जाता है, तो बाकी परिवार के सदस्यों का क्या होगा? यदि कार्ड धारक के पास कार है, तो अन्य सदस्यों का क्या दोष है? क्या आप पूरे परिवार को भूखा मारेंगे? उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक वह मुख्यमंत्री हैं, तब तक एक भी राशन कार्ड नहीं कटने देंगे।