पंजाब का राइट टू बिज़नेस एक्ट: छोटे उद्यमियों के लिए एक नई शुरुआत
पंजाब में उद्योगों के लिए नया कानून
पंजाब राइट टू बिज़नेस एक्ट, 2020 को तब लागू किया गया जब राज्य के छोटे उद्योगों को नई यूनिट स्थापित करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का मानना था कि यदि पंजाब को निवेश का केंद्र बनाना है, तो छोटे व्यवसायियों को सुविधाएं और विश्वास प्रदान करना आवश्यक है। इसी सोच के तहत यह कानून बनाया गया, जो अब पंजाब की औद्योगिक क्रांति का आधार बन चुका है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में, पंजाब सरकार ने उद्योग क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। इनमें से सबसे प्रमुख है “पंजाब राइट टू बिज़नेस एक्ट”, जिसका उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को व्यापार शुरू करने में सरलता प्रदान करना है। पहले जहां छोटे उद्योगों को कई विभागों से मंजूरी लेनी पड़ती थी, अब सरकार ने इसे एक सिंगल सिस्टम, “सेल्फ डिक्लेरेशन मॉडल” के माध्यम से समाप्त कर दिया है। यह मॉडल पूरी तरह से विश्वास और पारदर्शिता पर आधारित है।
छोटे व्यवसायियों के लिए एक वरदान
इस नीति के तहत, उद्यमी अब केवल एक “Declaration of Intent” (व्यवसाय शुरू करने की घोषणा) ऑनलाइन जमा करके अपने उद्योग की शुरुआत कर सकते हैं। इस घोषणा के आधार पर, सरकार तुरंत एक “Certificate of In-Principle Approval” जारी करती है, जिससे उद्यमी बिना किसी विभागीय अनुमति की प्रतीक्षा किए अपने उद्योग का निर्माण या संचालन शुरू कर सकते हैं। यह नीति छोटे व्यवसायियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, जिन्हें पहले महीनों तक सरकारी औपचारिकताओं में समय बर्बाद करना पड़ता था। अब पंजाब में व्यापार शुरू करने का मतलब है, “पहले काम, बाद में कागज़ात।” पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन है। आवेदन से लेकर प्रमाणपत्र मिलने तक हर कदम Invest Punjab पोर्टल के माध्यम से किया जाता है, जिससे भ्रष्टाचार और देरी की संभावना लगभग समाप्त हो गई है। यह तकनीक-आधारित प्रणाली छोटे उद्यमियों के लिए ईमानदार शासन का उदाहरण बन गई है।
कोई विभाग नहीं कर सकता निरीक्षण
इस एक्ट के अंतर्गत उद्योगों को तीन साल की छूट (Grace Period) दी जाती है। इस दौरान उद्यमियों को फैक्ट्री लाइसेंस, पर्यावरण अनुमति, श्रम विभाग की मंजूरी या अन्य राज्य स्तरीय स्वीकृतियों की आवश्यकता नहीं होती। जब तक कोई गंभीर शिकायत न हो, कोई विभाग निरीक्षण नहीं कर सकता। इस व्यवस्था ने छोटे व्यवसायों को आत्मविश्वास दिया है कि वे बेझिझक उत्पादन या व्यापार शुरू कर सकते हैं। तीन साल बाद, जब उनका व्यवसाय स्थिर हो जाता है, तब वे सभी आवश्यक अनुमतियाँ और प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं। यह एक “भरोसे पर विकास” का मॉडल है जो प्रशासन और व्यापारियों के बीच सकारात्मक संबंध बनाता है।
सभी काम एक ही कार्यालय में
इस नीति को लागू करने के लिए सरकार ने हर ज़िले में “District Bureau of Enterprise (DBE)” की स्थापना की है। यह ब्यूरो न केवल दस्तावेज़ी सहायता प्रदान करता है, बल्कि नए निवेश प्रस्तावों पर तुरंत कार्रवाई भी करता है। इससे न केवल समय की बचत होती है, बल्कि सरकारी कामकाज में पारदर्शिता भी बढ़ी है। यह ब्यूरो ज़िला उपायुक्त की अध्यक्षता में काम करता है और उद्योगपतियों को एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं प्रदान करता है। आवेदन, दस्तावेज़ जांच, प्रमाणपत्र जारी करना और शिकायत निवारण तक। पहले जहां उद्यमियों को 8–10 विभागों के चक्कर लगाने पड़ते थे, अब एक ही कार्यालय में सब कुछ निपट जाता है। यह कदम प्रशासनिक पारदर्शिता और ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस (Ease of Doing Business) की दिशा में पंजाब सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।
युवाओं को मिल रहा रोजगार
इस योजना ने पंजाब के हजारों छोटे उद्यमियों को नई ऊर्जा दी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस नीति के तहत अब तक सैकड़ों नए उद्योगों ने काम शुरू किया है, जिससे लगभग 4000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है और 400 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित हुआ है। पंजाब के शहरों लुधियाना, मोहाली, अमृतसर और जालंधर में उद्योग जगत में नई ऊर्जा आई है। उद्यमियों का कहना है कि पहले जहां महीनों तक फाइलें विभागों में अटकी रहती थीं, अब वही काम कुछ ही दिनों में पूरा हो जाता है। पंजाब का उद्योग वातावरण अब और अधिक सरल, सुरक्षित और निवेश-अनुकूल बन गया है।
सरकार जनता को भागीदार मानती है
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कई बार कहा है कि “सरकार को अपने लोगों पर भरोसा है। पंजाब के उद्यमी ईमानदार हैं और यदि उन्हें सुविधा और विश्वास दिया जाए, तो वे राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा सकते हैं।” यह सोच ही पंजाब को उद्योगों के लिए देश के सबसे आकर्षक राज्यों में बदल रही है। राइट टू बिज़नेस एक्ट इसका सटीक उदाहरण है, जहां सरकार जनता को बोझ नहीं, बल्कि भागीदार मानती है। इस नीति से पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को भी नई राह मिली है। अब कई महिला उद्यमी बिना किसी झंझट के अपने छोटे उद्योग जैसे फूड प्रोसेसिंग, हैंडलूम और हस्तशिल्प इकाइयाँ शुरू कर रही हैं। मान सरकार ने महिलाओं और युवाओं को उद्योग के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की ठानी है।
ईमानदार उद्यमियों के लिए नए रास्ते
आज “राइट टू बिज़नेस एक्ट” ने पंजाब के छोटे कारोबारियों और उद्योगपतियों को नई उम्मीद, नया आत्मविश्वास और नई दिशा दी है। यह केवल एक कानून नहीं, बल्कि एक प्रशासनिक क्रांति है जिसने ईमानदार उद्यमियों के लिए रास्ते खोले हैं। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की यह पहल साबित करती है कि जब सरकार भरोसे और पारदर्शिता पर काम करे, तो विकास की रफ़्तार रुक नहीं सकती। यह कानून “रंगला पंजाब” के उस सपने को साकार कर रहा है, जहां हर नागरिक आत्मनिर्भर और गर्व से कह सकता है, “अब कारोबार शुरू करना मुश्किल नहीं, बल्कि आसान और सम्मान की बात है।”