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पंजाब की 800 करोड़ रुपये की सड़क और पुल परियोजनाएं रद्द, जानें कारण

केंद्र सरकार ने पंजाब के लिए स्वीकृत 800 करोड़ रुपये की सड़क और पुल परियोजनाओं को रद्द कर दिया है। यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा समय पर टेंडर जारी न करने के कारण लिया गया। इससे 64 सड़कों और 38 पुलों के निर्माण में बाधा आएगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

चंडीगढ़: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY)-III के अंतर्गत पंजाब के लिए स्वीकृत 800 करोड़ रुपये से अधिक की सड़क और पुल परियोजनाएं केंद्र सरकार द्वारा रद्द कर दी गई हैं। इसका मुख्य कारण यह बताया गया है कि राज्य सरकार समय पर टेंडर जारी नहीं कर पाई और निर्माण कार्य में देरी हुई। यह निर्णय पहले से ही वित्तीय संकट का सामना कर रही पंजाब सरकार के लिए एक और बड़ा झटका है, क्योंकि केंद्र ने पहले ही 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का ग्रामीण विकास फंड (RDF) रोक रखा है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों और बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए आवश्यक है।


परियोजनाओं पर असर

केंद्र के इस निर्णय से 628.48 किमी लंबाई की कुल 64 सड़कों के उन्नयन में बाधा उत्पन्न होगी। इससे पहले 38 पुलों के निर्माण को मंजूरी दी गई थी, जिनकी लंबाई 15 मीटर से अधिक है। इन सभी परियोजनाओं की कुल लागत 828.87 करोड़ रुपये है और नियमों के अनुसार, कार्य 31 मार्च तक शुरू होना चाहिए था।


टेंडर प्रक्रिया में देरी

पंजाब लोक निर्माण विभाग (PWD) के अनुसार, 59 परियोजनाएं ‘फुल डेप्थ रिक्लेमेशन’ (FDR) तकनीक से पूरी होनी थीं, लेकिन विशेषज्ञ फर्मों की कमी के कारण टेंडर प्रक्रिया में बार-बार रुकावट आई। उपयुक्त फर्म का चयन 29 मई को चौथी कोशिश में संभव हुआ। इसी बीच, मार्च 2025 में स्वीकृत एक अन्य प्रोजेक्ट (4 सड़कें और 35 पुल) अभी भी टेंडरिंग चरण में है और इस माह काम शुरू होने वाला था।


मुख्यमंत्री की अपील

PWD ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि जब निर्माण कार्य शुरू होने वाला था, तब परियोजनाओं को रद्द करना जनता में नाराजगी पैदा करेगा। इनमें से कई सड़कें अमृतसर, गुरदासपुर, पठानकोट और तरनतारन के सीमावर्ती क्षेत्रों में हैं, जिनके लिए स्थानीय सांसदों ने तत्काल मरम्मत की सिफारिश की थी।


इस बीच, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री को पत्र लिखकर इन परियोजनाओं को अत्यावश्यक बताते हुए पुनर्विचार करने की अपील की। उन्होंने कहा, “38 पुल उन सड़कों पर बनने हैं जो पहले ही PMGSY-III के तहत पूरी हो चुकी हैं। पुलों के बिना ये सड़कें बेकार साबित होंगी।”