×

पंजाब के ईसाई नेताओं ने विवादित घटनाओं पर जताई चिंता

पंजाब के प्रमुख ईसाई नेताओं ने चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने हाल की विवादास्पद घटनाओं पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने जालंधर में एक बच्ची के साथ हुई दरिंदगी और सिद्धू मूसेवाला की माता के पुतले जलाने की घटनाओं का विरोध किया। नेताओं ने समुदाय की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले कृत्यों की निंदा की और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, जो ईसाई समुदाय के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं।
 

चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन

चंडीगढ़: पंजाब के प्रमुख ईसाई नेताओं ने मंगलवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एकत्र होकर हाल की विवादास्पद घटनाओं पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की। दोपहर 1 बजे आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेताओं ने एक स्वर में कहा कि कुछ व्यक्तियों और संगठनों की गतिविधियों से ईसाई समुदाय की छवि को गंभीर नुकसान हो रहा है। विशेष रूप से जालंधर में 13 वर्षीय बच्ची के साथ हुई दरिंदगी और दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की माता चरण कौर के पुतले जलाने की घटनाओं को प्रमुखता से उठाया गया।


नेताओं की निंदा और मांगें

प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेताओं ने स्पष्ट किया कि जालंधर दुष्कर्म और हत्या मामले में की गई बयानबाजी और माता चरण कौर का अपमान निंदनीय है। वक्ताओं ने कहा कि कुछ लोगों की गलत प्रस्तुति के कारण पूरे समुदाय को शर्मिंदा होना पड़ रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे कृत्यों का ईसाई धर्म की मूल शिक्षाओं से कोई संबंध नहीं है और वे समाज में वैमनस्य फैलाने वाली गतिविधियों का समर्थन नहीं करते।


मुख्य मांगें

मुख्य मांगें निम्नलिखित हैं:


1. जालंधर में 13 वर्षीय बच्ची के बलात्कार और हत्या पर अंकुर नरूला की टिप्पणियों का कड़ा विरोध। उन्हें बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।


2. माता चरण कौर के पुतले को जलाने की घटना का विरोध। यह कृत्य ईसाई समुदाय द्वारा नहीं किया गया था।


3. अंकुर नरूला द्वारा निकाली गई गैर-बाइबिलीय शोभा यात्रा का विरोध।


4. ग्लोबल क्रिश्चियन एक्शन कमेटी द्वारा पूरे ईसाई समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के दावे का विरोध।


5. पंजाब बचाओ मोर्चा का समर्थन, जो पाखंड और अंधविश्वास के खिलाफ संघर्ष कर रहा है।


6. प्रशासन से अनुरोध कि अंकुर नरूला और उसके सहयोगियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।


7. जतिंदर गौरव मसीह को अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन पद से हटाने की मांग।