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पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज की

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके बेटे रणइंदर सिंह की याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को आयकर विभाग द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच करने की अनुमति दी है। इस मामले में आयकर विभाग ने शिकायत दर्ज की थी, जिसमें कई धाराएं शामिल थीं। अदालत ने स्पष्ट किया कि ED को रिकॉर्ड देखने से नहीं रोका जा सकता है, और यह जानकारी केवल जांच के लिए उपयोग की जाएगी।
 

हाईकोर्ट का फैसला

नई दिल्ली: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके बेटे रणइंदर सिंह द्वारा दायर याचिका को अस्वीकार कर दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) को आयकर विभाग के पास उपलब्ध उन दस्तावेजों को देखने का अधिकार है, जो फ्रांस सरकार ने भारत को प्रदान किए थे।


आयकर विभाग की शिकायत

आयकर विभाग ने अमरिंदर और रणइंदर के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी, जिसमें आयकर कानून की धारा 277 और भारतीय दंड संहिता की कई धाराएं शामिल की गई थीं। ED, जो इस मामले में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत जांच कर रही है, ने ट्रायल कोर्ट में आयकर विभाग द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों को देखने की अनुमति मांगी थी। पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट और फिर रिविजनल कोर्ट ने ED की इस मांग को स्वीकार किया था। इस आदेश को अमरिंदर और रणइंदर ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।


कोर्ट का निर्णय

अमरिंदर और रणइंदर का तर्क था कि फ्रांस से प्राप्त गुप्त जानकारी केवल आयकर विभाग के उपयोग के लिए है और इसे ED के साथ साझा करना भारत-फ्रांस के कर संधि (Double Tax Avoidance Agreement, 1994) का उल्लंघन होगा। हालांकि, न्यायमूर्ति त्रिभुवन दहिया ने इस दलील को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा, 'इस मामले में ED को रिकॉर्ड देखने से रोका नहीं जा सकता। यह जानकारी किसी व्यक्तिगत व्यक्ति के साथ साझा नहीं की जा रही है, बल्कि राज्य की एक एजेंसी को जांच के लिए दी जा रही है।' अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि ED केवल दस्तावेजों का निरीक्षण और जांच के लिए उपयोग कर सकती है, लेकिन उन्हें सार्वजनिक नहीं कर सकती जब तक कानून इसकी अनुमति न दे।


वकीलों की उपस्थिति

इस मामले में अमरिंदर और रणइंदर की ओर से वकील गुरमोहन सिंह बेदी, अमनदीप एस तलवार, पवनदीप सिंह, आनंद वी खन्ना और अंबिका बेदी ने पेशी दी। वहीं, ED और आयकर विभाग की तरफ से विशेष काउंसल जोहेब हुसैन, सीनियर पैनल काउंसल लोकेश नारंग और वकील विपुल जोशी ने अपना पक्ष रखा।