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पंजाब के मामलों में केंद्र सरकार का हस्तक्षेप न हो: सीएम मान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह राज्य के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पावरकॉम का 2000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया है और राज्य के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मान ने केंद्र के खिलाफ कई मुद्दों पर अपनी बात रखी, जिसमें पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट और सिंडिकेट का भंग होना शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकारों ने पंजाब को कर्ज में डुबोया है, लेकिन उनकी सरकार अब विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
 

सीएम मान का केंद्र सरकार पर हमला


पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह राज्य के आंतरिक मामलों में अत्यधिक हस्तक्षेप कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र को पंजाब के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए और जबरदस्ती करना बंद करना चाहिए।


सीएम मान ने अमृतसर में युवाओं को नियुक्ति पत्र देते समय यह बात कही। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने पावरकॉम के 2000 करोड़ रुपये के कर्ज को चुकाया है। इसके अलावा, जुलाई 2022 से 90% घरों को 600 यूनिट मुफ्त बिजली दी जा रही है, जिससे कई परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।


उन्होंने यह भी कहा कि कोयले की निर्बाध आपूर्ति के लिए पछवाड़ा कोल माइंस को चालू किया गया है, जिससे पंजाब में कोयले की कोई कमी नहीं है।


केंद्र सरकार का पंजाब पर ध्यान

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर पंजाब को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट और सिंडिकेट को भंग करना राज्य की सांस्कृतिक धरोहर पर हमला है।


मान ने कहा कि यह केवल एक शैक्षणिक संस्था नहीं है, बल्कि पंजाबियों की भावनाओं से जुड़ी विरासत है। उन्होंने बताया कि पहले भी हरियाणा के कॉलेजों को पंजाब विश्वविद्यालय से जोड़ने के लिए दबाव डाला गया था, लेकिन उनकी सरकार ने इसका विरोध किया।


उन्होंने कहा कि भाखड़ा डैम से हरियाणा और राजस्थान को अतिरिक्त पानी देने का दबाव डाला जा रहा है, लेकिन पंजाब किसी भी कीमत पर झुकने वाला नहीं है।


पिछली सरकारों की नाकामी

सीएम मान ने बताया कि गोइंदवाल साहिब में जीवीके कंपनी का थर्मल प्लांट 1080 करोड़ रुपये में खरीदा गया है। यह पहली बार है कि किसी सरकार ने निजी संपत्ति खरीदी है, जबकि पूर्व की सरकारें सरकारी संपत्तियों को सस्ते दामों पर बेच देती थीं।


उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें पंजाब को कर्ज में डुबाने के लिए जिम्मेदार हैं। उन्हें विरासत में 2.75 लाख करोड़ रुपये का कर्ज मिला, लेकिन इसका उपयोग विकास के लिए नहीं किया गया। अब उनकी सरकार हर पैसे का उपयोग पंजाब के विकास और जनता की भलाई के लिए कर रही है।