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पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने गोल्डन टेम्पल में अपनी गलती स्वीकार की

पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने गोल्डन टेम्पल में अपनी गलती स्वीकार की, जो उन्होंने श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में की थी। इस कार्यक्रम को लेकर सिख संगठनों की नाराजगी के बाद उन्होंने अकाल तख्त साहिब के समक्ष पेश होकर माफी मांगी। जानें इस घटना के बारे में विस्तार से।
 

हरजोत सिंह बैंस का गोल्डन टेम्पल दौरा

अमृतसर: पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बुधवार को श्री हरमंदिर साहिब (गोल्डन टेम्पल) का दौरा किया। उन्होंने सिखों की प्रमुख धार्मिक संस्था, श्री अकाल तख्त साहिब के समक्ष पेश होकर श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में नाच-गाने को लेकर अपनी गलती स्वीकार की।


कार्यक्रम की विवादास्पद प्रस्तुति: यह कार्यक्रम 24 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में पंजाब भाषा विभाग द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें पंजाबी गायक बीर सिंह ने प्रस्तुति दी थी। इस आयोजन को लेकर सिख संगठनों और धार्मिक संस्थाओं ने अपनी नाराजगी व्यक्त की थी, जिसे अकाल तख्त साहिब ने गंभीरता से लिया।


मंत्री का नंगे पैर आना: हरजोत सिंह बैंस ने बुधवार सुबह नंगे पैर और पूर्ण सिखी स्वरूप में श्री हरमंदिर साहिब में प्रवेश किया और पांच सिंह साहिबानों के समक्ष अपनी गलती स्वीकार की। इससे पहले, 1 अगस्त को बैंस और पंजाब भाषा विभाग के निदेशक जसवंत सिंह जफर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन उस दिन की बैठक स्थगित हो गई थी।


जसवंत सिंह जफर की अनुपस्थिति: निदेशक जसवंत सिंह जफर विदेश में होने के कारण 6 अगस्त को पेश नहीं हो सके। उन्होंने एक पत्र भेजकर बाद में पेश होने का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। अब वे 13 अगस्त को अकाल तख्त साहिब के सामने पेश होंगे।


सांस्कृतिक गतिविधियों पर सिख धर्म का दृष्टिकोण: यह ध्यान देने योग्य है कि सिख धर्म में गुरु साहिबानों के शहीदी दिवस पर नाच-गाने या किसी भी प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियों को असम्मानजनक माना जाता है। अकाल तख्त साहिब द्वारा समय-समय पर इस विषय पर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं।