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पंजाब के सहायक प्रोफेसरों के समर्थन में परगट सिंह का धरना

जालंधर में 1158 सहायक प्रोफेसरों और लाइब्रेरियन के धरने में शामिल हुए विधायक परगट सिंह ने पंजाब सरकार से न्याय की मांग की। उन्होंने कहा कि ये लोग शिक्षित हैं और पंजाब के लिए काम करना चाहते हैं। धरने के दौरान विरोध प्रदर्शन भी हुए, जिसमें सरकार का पुतला जलाया गया। जानें इस मुद्दे पर परगट सिंह का क्या कहना है और सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए।
 

धरने में शामिल हुए परगट सिंह

जालंधर - अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और विधायक पद्मश्री परगट सिंह ने आज जालंधर के पीएपी चौक पर 1158 सहायक प्रोफेसरों और लाइब्रेरियन फ्रंट पंजाब के धरने में भाग लिया। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि इन छात्रों का क्या दोष है? यदि भर्ती प्रक्रिया में कोई कमी है, तो इसकी जिम्मेदारी मेरी है, क्योंकि मैंने मैरिट के आधार पर भर्ती का निर्णय लिया था। उन्होंने यह भी कहा कि ये लोग रोल मॉडल हैं, और उन्हें इस तरह धरने पर बैठाना उचित नहीं है।


सरकार से वादे की याद दिलाई

परगट सिंह ने कहा कि सहायक प्रोफेसर और लाइब्रेरियन केवल सरकार से अपने वादे को पूरा करने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने उन्हें कानूनी सहायता और रिव्यू पटीशन का आश्वासन दिया था। आज वे अपने वादे को पूरा करवाने के लिए धरना देने आए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि आवश्यक हो, तो सरकार को विशेष अध्यादेश लाना चाहिए ताकि इन सभी को कॉलेजों में पढ़ाने का अवसर मिले। इससे ये नई पीढ़ी को शिक्षित कर सकेंगे।


मुख्यमंत्री से अपील

परगट सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार को इन लोगों से बातचीत करनी चाहिए। वह मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से इस मुद्दे पर चर्चा करने का आग्रह करेंगे और विधानसभा में भी इसे उठाएंगे ताकि सहायक प्रोफेसरों और लाइब्रेरियन्स को न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि ये लोग कोई अपराधी नहीं हैं, बल्कि शिक्षित युवा हैं जो पंजाब के लिए काम करना चाहते हैं।


धरने के दौरान विरोध प्रदर्शन

धरने के दौरान सहायक प्रोफेसरों ने पंजाब सरकार का पुतला जलाया और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अर्थी को भी जलाया। बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला।