पंजाब के होशियारपुर में बाढ़ से प्रभावित किसानों की नई चुनौतियाँ
बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र की स्थिति
पंजाब के होशियारपुर जिले में ब्यास नदी के किनारे स्थित कई गांवों के किसान बाढ़ के कारण नई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। पौंग बांध से लगातार पानी छोड़े जाने और चक्की खड्ड से जल प्रवाह के कारण उनके खेत फिर से जलमग्न हो गए हैं। कई परिवार अभी भी अपने क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत में जुटे हैं।
जलस्तर और बाढ़ का प्रभाव
अधिकारियों के अनुसार, शनिवार को पौंग बांध का जलस्तर 1,390.33 फीट दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से थोड़ा अधिक है। जलाशय में 72,000 क्यूसेक पानी का प्रवाह हो चुका है, और शाह नहर बैराज से 49,600 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। चक्की खड्ड से लगभग 10,000 क्यूसेक पानी ब्यास नदी में आ रहा है, जिससे मुकेरियां से टांडा तक कृषि भूमि फिर से जलमग्न हो गई है।
किसानों की समस्याएँ
कई किसान जलभराव और कीचड़ भरे रास्तों के कारण अपने खेतों तक नहीं पहुँच पा रहे हैं। रारा गांव के निवासी मंजीत सिंह ने बताया कि उनका परिवार दो हफ्ते तक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर तिरपाल के नीचे रहा और 8 सितंबर को अपने घर लौटे। उन्होंने सरकारी सहायता की उम्मीद जताते हुए कहा कि उनके घर और आसपास कीचड़ से भरे हुए हैं और फसलें बर्बाद हो गई हैं।
क्षति का आकलन
रारा गांव के सरपंच के पति चरणजीत सिंह ने बताया कि उनकी 60 एकड़ में से 40 एकड़ ज़मीन बाढ़ से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि बारह एकड़ ज़मीन पूरी तरह बह गई है, जबकि 28 एकड़ पर गाद और कीचड़ की मोटी परतें जम गई हैं। गाँव में लगभग 8-10 कच्चे घर ढह गए हैं और कई परिवार तिरपाल के नीचे रह रहे हैं।
सरकारी सहायता की आवश्यकता
चरणजीत सिंह ने बताया कि राजस्व और अन्य सरकारी अधिकारियों ने हाल ही में नुकसान का आकलन करने के लिए गाँव का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि अभी तक बाढ़ में डूबे एक व्यक्ति के परिवार को ही चार लाख रुपये का मुआवज़ा मिला है।
आगे की चुनौतियाँ
गंधोवाल गाँव की दलजीत कौर ने बताया कि बाढ़ के पानी से उनके घर की नींव कमजोर हो गई और वह अपने बच्चों के साथ किराए के कमरे में रह रही हैं। ग्रामीणों ने कहा कि आने वाले सप्ताह उनके धैर्य की परीक्षा लेंगे, क्योंकि वे राहत और मुआवजे की प्रतीक्षा कर रहे हैं।