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पंजाब बाढ़ 2025: AAP ने केंद्र सरकार के राहत पैकेज पर उठाए सवाल

पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद केंद्र सरकार द्वारा घोषित ₹1600 करोड़ के राहत पैकेज पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने गंभीर सवाल उठाए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधानसभा में कहा कि यह राशि राज्य की वास्तविक जरूरतों के मुकाबले बहुत कम है। AAP ने इसे 'धोखा' करार देते हुए कहा कि राज्य को ₹20,000 करोड़ की आवश्यकता है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पीएम मोदी के दौरे को 'फोटो सेशन' बताया, जबकि अन्य मंत्रियों ने इसे पंजाब का अपमान कहा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पंजाब अब 'खैरात' नहीं मांगेगा, बल्कि अपने हक के लिए संघर्ष करेगा।
 

पंजाब में बाढ़ के बाद राहत पैकेज पर विवाद

पंजाब बाढ़ 2025: हाल ही में पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद केंद्र सरकार द्वारा घोषित ₹1600 करोड़ के राहत पैकेज पर सवाल उठने लगे हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (AAP) ने विधानसभा के विशेष सत्र में इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया। पार्टी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 9 सितंबर को घोषित यह पैकेज केवल एक 'जुमला' बनकर रह गया है, क्योंकि अभी तक पंजाब सरकार के खजाने में इसका एक भी रुपया नहीं पहुंचा है.


AAP ने केंद्र पर 'धोखा' देने का आरोप लगाया

शुक्रवार को विधानसभा में AAP विधायकों ने प्लेकार्ड लेकर नारेबाजी की। विधायकों ने इसे पंजाब के साथ 'धोखा' बताते हुए कहा कि राज्य को ₹20,000 करोड़ की आवश्यकता थी, लेकिन केंद्र ने केवल ₹1600 करोड़ की घोषणा की, जिसका वितरण भी नहीं हुआ। उनका कहना था कि यह केवल एक राजनीतिक स्टंट था, न कि वास्तविक राहत प्रयास।


PM का दौरा 'फोटो सेशन' तक सीमित था

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे को केवल एक 'फोटो सेशन' करार दिया। उन्होंने कहा कि पीएम ने उन परिवारों से मिलने की भी कोशिश नहीं की, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया। चीमा ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा कि संकट के समय विपक्षी दलों ने राज्य के साथ खड़े होने के बजाय भाजपा का समर्थन किया।


₹1600 करोड़ नहीं, चाहिए ₹20,000 करोड़ का पैकेज

जल संसाधन मंत्री ब्रिंदर कुमार गोयल ने विधानसभा में कहा कि बाढ़ ने राज्य को बुरी तरह प्रभावित किया है, और केंद्र द्वारा दिया गया ₹1600 करोड़ का आश्वासन वास्तविक ज़रूरतों के मुकाबले बहुत 'नाकाफी' है। उन्होंने बताया कि फसलें बर्बाद हुई हैं, सड़कें और पुल ध्वस्त हुए हैं, और लाखों लोग बेघर हो गए हैं। ऐसे में केंद्र को तुरंत ₹20,000 करोड़ का विशेष राहत पैकेज जारी करना चाहिए।


यह राहत नहीं, अपमान है

राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन ने इसे 'पंजाब का अपमान' बताते हुए कहा कि ₹1600 करोड़ की राशि राज्य के व्यापक नुकसान के सामने कुछ भी नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री को नुकसान का विस्तृत ब्यौरा दिया था, जिसमें 1.91 लाख हेक्टेयर फसल बर्बादी और सड़कों व घरों के ध्वस्त होने की जानकारी थी। इसके बावजूद, केंद्र सरकार ने इस गंभीर आपदा को नजरअंदाज किया।


पंजाब मांगेगा हक, खैरात नहीं

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधानसभा से स्पष्ट किया कि पंजाब अब 'खैरात' नहीं मांगेगा, बल्कि अपने हक के लिए संघर्ष करेगा। उन्होंने कहा कि यह केवल राहत पैकेज का सवाल नहीं, बल्कि पंजाब की 'इज्जत और सम्मान' का मुद्दा है। उन्होंने चेतावनी दी कि राज्य को पुनर्निर्माण, मुआवजे और बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए ₹60,000 करोड़ तक की आवश्यकता है और केंद्र को इसका संज्ञान लेना होगा.