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पंजाब में फर्जी सर्टिफिकेट से सरकारी नौकरी का मामला उजागर

पंजाब में एक व्यक्ति ने फर्जी सर्टिफिकेट के माध्यम से सरकारी नौकरी प्राप्त की, जो कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा जांच में फर्जी पाया गया। इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए PUDA को पत्र लिखा गया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और क्या कदम उठाए गए हैं।
 

फर्जी सर्टिफिकेट का खुलासा

पंजाब में एक व्यक्ति द्वारा फर्जी सर्टिफिकेट के माध्यम से सरकारी नौकरी प्राप्त करने का मामला सामने आया है। यह मामला तब उजागर हुआ जब पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (PSEB) ने पंजाब शहरी योजना एवं विकास प्राधिकरण (PUDA) से प्राप्त सर्टिफिकेट की जांच की, जो कि फर्जी पाया गया। इसके परिणामस्वरूप, PSEB ने उस व्यक्ति को अपने रिकॉर्ड में ब्लैक लिस्ट कर दिया है। आगे की कार्रवाई के लिए PUDA को भी पत्र लिखा गया है।


जानकारी के अनुसार, PUDA ने अमृतसर के सरकारी हाई स्कूल वेरका के लिए एक आठवीं कक्षा का प्रमाण पत्र PSEB को भेजा था, जो 2001 में जारी किया गया था। जब इस प्रमाण पत्र की जांच की गई, तो यह पता चला कि यह प्रमाण पत्र नरेंद्र कुमार को जारी किया गया था, जिसने परीक्षा में 282 अंक प्राप्त किए थे। हालांकि, प्रमाण पत्र में गोबिंद नाम का कोई रिकॉर्ड नहीं था। इसके बाद, बोर्ड ने इसे अपने रिकॉर्ड में ब्लैक लिस्ट कर दिया।


यह पहली बार नहीं है जब PSEB में फर्जी प्रमाण पत्र पाए गए हैं। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां फर्जी प्रमाण पत्रों के माध्यम से लोगों ने भारतीय सेना, रेलवे, पासपोर्ट कार्यालय, पनबस, पटियाला यूनिवर्सिटी और पंजाब पुलिस में नौकरी प्राप्त की है। सत्यापन के दौरान सच्चाई सामने आने पर संबंधित संगठनों ने ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं। हर महीने लगभग 1800 प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए PSEB में आते हैं, जबकि हर साल सात लाख छात्र दसवीं और बारहवीं कक्षा में परीक्षा देते हैं।