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पंजाब में बाढ़ और 'गल-घोटू' बीमारी से निपटने में सरकार की प्रभावी पहल

पंजाब ने हाल ही में बाढ़ और 'गल-घोटू' बीमारी की चुनौतियों का सामना किया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में, सरकार ने प्रभावित लोगों और पशुओं के लिए त्वरित राहत उपाय किए हैं। पशुपालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने रिकॉर्ड समय में टीकाकरण अभियान चलाया, जिससे लाखों पशुओं की जान बचाई गई। मोबाइल वेटनरी वैन के माध्यम से गांवों में मुफ्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। यह अभियान न केवल तत्काल राहत का प्रयास है, बल्कि भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए एक दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा भी है।
 

पंजाब बाढ़ की चुनौती का सामना

Punjab Flood : पंजाब, जो लंबे समय से देश की कृषि और पशुधन की समृद्धि का प्रतीक रहा है, इस बार गंभीर बाढ़ और 'गल-घोटू' बीमारी की दोहरी चुनौती का सामना कर रहा है। लेकिन राज्य की आम आदमी पार्टी की सरकार ने यह साबित कर दिया है कि जब नेतृत्व मजबूत और नीयत स्पष्ट हो, तो कोई भी आपदा जनता को झुका नहीं सकती। मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के साथ-साथ पशुधन की सुरक्षा के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए गए हैं।


पशुपालन मंत्री का सक्रिय अभियान

पशुपालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बाढ़ के बाद फैली 'गल-घोटू' बीमारी को रोकने के लिए तेजी से अभियान चलाया। इस प्रयास ने न केवल लाखों पशुओं की जान बचाई, बल्कि हजारों किसान परिवारों की आजीविका को भी सुरक्षित रखा।


पशुओं की सुरक्षा के लिए व्यापक प्रयास

पंजाब सरकार ने यह सिद्ध किया है कि हर जीवन उसके लिए महत्वपूर्ण है, चाहे वह इंसान हो या पशु। बाढ़ के दौरान ड्रोन और नावों की सहायता से फाजिल्का और अन्य प्रभावित जिलों में छतों और खेतों में फंसे पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। 5 लाख से अधिक पशुओं को रेस्क्यू किया गया और उनके लिए चारे और पानी की व्यवस्था की गई।


'गल-घोटू' के खिलाफ टीकाकरण अभियान

'गल-घोटू' के खिलाफ सबसे तेज टीकाकरण

बाढ़ के बाद पशुओं में 'गल-घोटू' बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया था, लेकिन सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए युद्ध स्तर पर काम शुरू किया। पशुपालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि 14 सितंबर से विशेष टीकाकरण अभियान शुरू किया गया। केवल एक सप्ताह में 713 गांवों में 1.75 लाख से अधिक पशुओं को टीके लगाए गए। यह कदम न केवल पशुओं की सेहत के लिए आवश्यक था, बल्कि उन हजारों परिवारों के लिए भी, जिनकी आजीविका इन पशुओं पर निर्भर है।


मोबाइल वेटनरी वैन का महत्व

मोबाइल वेटनरी वैन और मुफ्त दवाओं से मिला राहत का भरोसा

राज्य सरकार ने अमृतसर, फाजिल्का, फिरोजपुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, मोगा, पठानकोट, रूपनगर और तरनतारन जैसे जिलों में मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां तैनात की हैं। ये यूनिट्स गांव-गांव जाकर न केवल इलाज कर रही हैं, बल्कि मुफ्त दवाएं और टीके भी दे रही हैं। साथ ही, पशुपालकों को जागरूक करने के लिए विशेष कैंप और जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।


मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण

'सेवक सरकार' का असली चेहरा

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के पशुपालकों की आय का एक बड़ा हिस्सा उनके पशुओं पर निर्भर है। उनकी सुरक्षा ही पंजाब की कृषि के भविष्य की सुरक्षा है। हमारी सरकार हर जीवन के लिए काम करती है, चाहे वह इंसान हो या पशु।


भविष्य की सुरक्षा के लिए रणनीति

भविष्य की सुरक्षा के लिए बना रही है सिस्टम

यह अभियान केवल एक राहत उपाय नहीं है, बल्कि दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है। सरकार का उद्देश्य है कि भविष्य में कोई भी प्राकृतिक आपदा या पशु रोग बड़े नुकसान का कारण न बने। एक ऐसा मजबूत सिस्टम बनाया जा रहा है, जो समय पर चेतावनी, इलाज और सुरक्षा प्रदान कर सके।

पंजाब सरकार का यह अभियान दर्शाता है कि जब सरकार संवेदनशील, सक्रिय और प्रतिबद्ध हो, तो हर आपदा को अवसर में बदला जा सकता है। आम आदमी पार्टी की सरकार ने यह सिद्ध कर दिया है कि 'सेवा, सुरक्षा और संवेदना' ही असली शासन की पहचान है।