पंजाब में बाढ़ का कहर: 43 लोगों की जान गई, राहत कार्य जारी
पंजाब में बाढ़ की स्थिति
पंजाब बाढ़: पंजाब और उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों में बाढ़ और भारी बारिश ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। राज्य के तीन प्रमुख बांध खतरे के स्तर पर पहुँच चुके हैं। पौंग बांध का जलस्तर गुरुवार को 14 फीट बढ़ गया, जबकि भाखड़ा बांध का स्तर भी एक फीट नीचे है। सुरक्षा के मद्देनजर, भाखड़ा के फ्लड गेट्स को 10 फीट तक खोला गया है, जिससे सतलुज के किनारे बसे क्षेत्रों में पानी का दबाव बढ़ गया है।
सतलुज के तटबंधों की स्थिति
सतलुज के पांच तटबंध कमजोर
लुधियाना में सतलुज के पांच तटबंध कमजोर हो गए हैं। ससराली गांव के निकट सेना की सहायता से रिंग बांध का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। भाखड़ा और पौंग से छोड़े गए पानी ने सतलुज और ब्यास दोनों नदियों को उफान पर ला दिया है। रूपनगर, लुधियाना और जालंधर में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, जबकि हरिके पत्तन पर दोनों नदियों के संगम से तटबंध टूटने का खतरा है। इससे फिरोजपुर और फाजिल्का की स्थिति बिगड़ रही है.
बाढ़ से प्रभावित लोग
पंजाब में 43 लोगों की मौत
पंजाब में अब तक 43 लोगों की जान जा चुकी है और 16,800 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं। लगभग 3.84 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं और 1.71 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। राहत और बचाव कार्यों में सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हर प्रभावित गांव में एक अधिकारी तैनात करने का निर्देश दिया है ताकि शिकायतों का त्वरित समाधान किया जा सके। पटियाला, संगरूर और मानसा से गुजरने वाली घग्गर नदी भी उफान पर है। पटियाला के घनौर क्षेत्र में सेना ने 16 लोगों को सुरक्षित निकाला है.
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की स्थिति
हिमाचल प्रदेश में भी हालात चिंताजनक हैं। कुल्लू में लगातार भूस्खलन के कारण दो घर मलबे में दब गए, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह लोग लापता हैं। भरमौर क्षेत्र में फंसे 15 हजार श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाल लिया गया है। जम्मू-कश्मीर में बारिश थम गई है, लेकिन खतरा अभी भी बना हुआ है। किश्तवाड़ में भूस्खलन से पांच लोग घायल हुए हैं, जबकि झेलम नदी का पानी कई गांवों में प्रवेश कर गया है.
दिल्ली में बाढ़ की स्थिति
दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर
दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही है। छह जिले बाढ़ से प्रभावित हैं और 15 हजार से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं। ट्रेन और मेट्रो सेवाएं बाधित हो गई हैं। हरियाणा में हथनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुनानगर, करनाल और सोनीपत में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। अंबाला में बाढ़ का पानी नेशनल हाईवे पर आ जाने से यातायात प्रभावित हुआ है.