पंजाब में बाढ़ का संकट: 1655 गांव प्रभावित, राहत कार्य जारी
पंजाब में बाढ़ का हाल
पंजाब में बाढ़ का संकट गहरा, 1655 गांव प्रभावित
पंजाब इस समय पिछले 50 वर्षों की सबसे गंभीर बाढ़ का सामना कर रहा है। बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है, जिससे पूरे राज्य में स्थिति गंभीर हो गई है। रविवार तक, केवल सात जिले प्रभावित थे, लेकिन अब सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। सतलुज, घग्गर और रावी नदियों के उफान ने कई जिलों में स्थिति को और बिगाड़ दिया है।
जालंधर-अमृतसर हाईवे का एक हिस्सा सुभानपुर-ढिलवां के पास धंस गया है। राज्य सरकार ने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और स्कूलों की छुट्टियां 7 सितंबर तक बढ़ा दी गई हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 5 सितंबर को कैबिनेट की बैठक बुलाई है।
राहत कार्यों में जुटे ग्रामीण और प्रशासन
ग्रामीण स्वयं बांधों को मजबूत करने और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं, जबकि प्रशासन, सेना और एनडीआरएफ राहत कार्यों में लगे हुए हैं। पटियाला, बरनाला, फाजिल्का और नवांशहर में जिला उपायुक्तों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और सेना की मदद मांगी गई है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य नेता 4 सितंबर को पंजाब का दौरा करेंगे।
बाढ़ से प्रभावित गांवों की संख्या
राज्य के 1655 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। अमृतसर के 390, गुरदासपुर के 324, बरनाला के 37, बठिंडा के 13, फिरोजपुर के 111, होशियारपुर के 121, कपूरथला के 178, लुधियाना के 216 और मानसा के 114 गांव सबसे अधिक प्रभावित हैं।
राजनीतिक दलों की एकजुटता
इस संकट के समय में पंजाब के राजनीतिक दल एकजुट हो रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने लुधियाना में बैठक की और कार्यकर्ताओं को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मदद के लिए भेजने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं, बल्कि लोगों की मदद करने का है।