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पंजाब में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लौटे लोग, राहत कैंपों में कमी

पंजाब में बाढ़ के बाद राहत कैंपों में लोगों की संख्या में कमी आई है। कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि अब केवल 229 लोग राहत कैंपों में रह गए हैं। प्रभावित परिवार अपने घरों की ओर लौट रहे हैं, जबकि बाढ़ ने फसलों को भी नुकसान पहुँचाया है। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी इस लेख में।
 

राहत कैंपों में बचे केवल 229 लोग


चंडीगढ़: पंजाब में बारिश का सिलसिला अब थम चुका है। मानसून की विदाई के साथ, बाढ़ का पानी भी प्रभावित क्षेत्रों से निकल गया है। लोग अब अपने घरों की ओर लौट रहे हैं और बाढ़ से हुए नुकसान के बीच अपनी जिंदगी को फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। यह जानकारी प्रदेश के कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने दी। उन्होंने बताया कि राहत कैंपों में अब केवल 229 लोग ही रह गए हैं।


राहत कैंपों की संख्या में कमी

हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि प्रभावित परिवारों के घर लौटने के कारण राहत कैंपों में रहने वालों की संख्या घटकर 229 रह गई है। पिछले 24 घंटों में राहत कैंपों की संख्या 35 से घटकर 16 हो गई है। उन्होंने कहा कि शनिवार को 665 लोग अपने घर लौट गए, जबकि पहले 894 लोग कैंपों में ठहरे हुए थे। प्रभावित गांवों की संख्या 2,539 से बढ़कर 2,555 हो गई है, जिसमें मुख्य रूप से होशियारपुर और लुधियाना के गांव शामिल हैं।


बाढ़ का व्यापक प्रभाव

मुंडियां ने कहा कि होशियारपुर में 11 और गांव प्रभावित हुए हैं, जिससे कुल संख्या 350 हो गई है। लुधियाना में 5 और गांव प्रभावित होने से वहां के प्रभावित गांवों की संख्या 131 हो गई है। होशियारपुर में 58 और लोग प्रभावित हुए हैं, जिससे कुल आबादी 3,89,387 से बढ़कर 3,89,445 हो गई है। उन्होंने बताया कि राहत कैंपों की संख्या में कमी के कारण कई कैंप बंद कर दिए गए हैं।


फसलों पर बाढ़ का असर

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि मानसा और होशियारपुर में क्रमश: 121 हेक्टेयर और 39 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है, जिससे कुल प्रभावित फसली रकबा 1,99,766 हेक्टेयर से बढ़कर 1,99,926 हेक्टेयर हो गया है। उन्होंने कहा कि अधिकांश जिलों में स्थिति सामान्य है और अन्य जिलों में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है।