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पंजाब में बाढ़ राहत पैकेज पर विवाद: मोदी की टिप्पणी ने बढ़ाई नाराज़गी

पंजाब में बाढ़ के संकट के बीच प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित 1600 करोड़ रुपये के राहत पैकेज पर लोगों में नाराज़गी बढ़ गई है। विपक्ष ने इसे नाकाफी बताते हुए केंद्र पर आरोप लगाया है कि पंजाब के 60,000 करोड़ रुपये रोके गए हैं। मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां की टिप्पणी पर मोदी की मजाकिया प्रतिक्रिया ने भी विवाद को बढ़ा दिया है। पंजाब सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के साथ खड़े रहने का वादा किया है। जानें इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है।
 

पंजाब में बाढ़ का संकट

Punjab News: पंजाब इस समय बाढ़ की गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है। लाखों लोग बेघर हो चुके हैं और किसानों ने अपनी फसलें पूरी तरह खो दी हैं। उद्योग और व्यापार भी ठप हो गए हैं। इस कठिन समय में पंजाबवासियों को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री एक बड़ा राहत पैकेज देंगे और उनकी समस्याओं को समझेंगे। लेकिन गुरदासपुर में प्रधानमंत्री मोदी ने केवल 1600 करोड़ रुपये की सहायता का ऐलान किया, जो कि इतने बड़े नुकसान के मुकाबले बहुत कम है। पंजाब के लोगों ने इस सहायता को नाकाफी बताते हुए नाराज़गी व्यक्त की और इसे पंजाब के प्रति भेदभाव कहा।


प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर गुस्सा

हिंदी वाली टिप्पणी पर गुस्सा

आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने जब कहा कि सहायता कम है, तो मोदी जी ने मजाक में पूछा, "हिंदी नहीं आती?" इस पर मंत्री ने उत्तर दिया, "हिंदी आती है, लेकिन पैसा कम है।" इस टिप्पणी को पंजाबियों ने न केवल बेइज्जती समझा, बल्कि मातृभाषा का अपमान भी माना।


विपक्ष का तीखा हमला

विपक्ष का सीधा हमला

आप नेता अमन अरोड़ा ने कहा कि मोदी जी ने पंजाब के साथ मजाक किया है। 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान पर केवल 1600 करोड़ रुपये देना लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि पंजाब के 60,000 करोड़ रुपये रोके गए हैं, जिन्हें तुरंत जारी किया जाना चाहिए।


मंत्रियों की तीखी प्रतिक्रिया

मंत्रियों की तीखी प्रतिक्रिया

जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल ने राहत पैकेज को एक बड़ा मजाक बताया। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि 30 दिन बाद प्रधानमंत्री पंजाब आए और 1600 करोड़ रुपये देकर चले गए। यह राहत नहीं, बल्कि जनता की आंखों में धूल झोंकने जैसा है।


भाजपा में भी नाराज़गी

भाजपा में भी नाराज़गी

भाजपा नेता रवनीत बिट्टू ने भी स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी से पंजाबी भाषा का अपमान हुआ है। भले ही बाद में उन्होंने सफाई दी, लेकिन लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। आम जनता इसे अपनी इज़्ज़त पर सीधा हमला मान रही है और नाराज़गी लगातार बढ़ रही है।


पंजाब सरकार का वादा

पंजाब सरकार का वादा

आप सरकार ने कहा कि केंद्र चाहे अनदेखी करे, लेकिन पंजाब सरकार हर बाढ़ पीड़ित के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वादा किया कि किसानों को सहारा दिया जाएगा, हर परिवार तक मदद पहुंचेगी और पंजाबियों की इज़्ज़त की रक्षा की जाएगी।