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पंजाब में भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी पर उठे सवाल, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

पंजाब में भाजपा के नेताओं की गिरफ्तारी ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। पूर्व सांसद सुशील रिंकू और कृष्ण देव भंडारी को जागरूकता शिविर के दौरान हिरासत में लिया गया। भाजपा ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित शिविरों में उत्पीड़न को रोकने की मांग की है। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार जानबूझकर इन शिविरों में बाधा डाल रही है। इस मुद्दे पर राजनीतिक प्रतिशोध का भी आरोप लगाया गया है।
 

भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी

जालंधर - पंजाब में पुलिस ने गुरुवार को जागरूकता शिविर आयोजित कर रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं, पूर्व सांसद सुशील रिंकू और कृष्ण देव भंडारी को हिरासत में लिया। भाजपा ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता शिविरों के दौरान कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों के उत्पीड़न को रोकने की मांग की है। भाजपा द्वारा शाहकोट में 'भाजपा दे सेवादार आ गए ने तुआडे द्वार' मिशन के तहत शिविर का आयोजन किया गया था। इस अभियान में भाजपा के वरिष्ठ नेता विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में पहुंच रहे थे। इसी दौरान, पूर्व विधायक के.डी. भंडारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जिससे मौके पर हड़कंप मच गया। इसके साथ ही, पूर्व सांसद सुशील कुमार रिंकू को भी हिरासत में लिया गया।


राज्यपाल को ज्ञापन

भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा की अगुवाई में भाजपा नेताओं ने राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने पंजाब के कई गांवों में भाजपा कार्यकर्ताओं और निर्दोष निवासियों पर हो रहे उत्पीड़न की ओर ध्यान आकर्षित किया। शर्मा ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता और स्वयंसेवक स्थानीय निवासियों की सहमति से जागरूकता शिविर आयोजित कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड, वृद्धावस्था पेंशन, किसान कल्याण कार्यक्रम, प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य योजनाओं के लाभ के बारे में जानकारी देना है। ग्रामीणों की उत्सुकता इन योजनाओं से लाभ उठाने के लिए स्पष्ट है।


पंजाब सरकार की बाधाएं

हालांकि, शर्मा ने कहा कि पंजाब सरकार बार-बार इन शिविरों में बाधा डालने का प्रयास कर रही है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने जानकारी देने से रोकने के लिए हस्तक्षेप किया है। शर्मा ने बताया कि इस व्यवधान को दो बहानों से उचित ठहराया जा रहा है, जबकि ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों के लिए किसी पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि आरोप निराधार और राजनीतिक प्रेरित हैं।


राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप

भाजपा नेताओं ने कहा कि इस तरह की बाधाओं का मुख्य कारण राजनीतिक प्रतिशोध और पंजाब में भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता का डर है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल सरकारी मशीनरी का उपयोग कर भाजपा कार्यकर्ताओं की वैध गतिविधियों को दबाने का प्रयास कर रहा है।


सहयोग की अपील

शर्मा ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि पंजाब सरकार को निर्देश दें कि वे जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लेने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों को परेशान करना तुरंत बंद करें।