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पंजाब में लैंड पूलिंग नीति पर विवाद: AAP के नेताओं ने उठाई आवाज

पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग नीति पर विवाद बढ़ता जा रहा है, जिसमें आम आदमी पार्टी के कई नेता अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। मोगा जिला योजना बोर्ड के अध्यक्ष हरमनदीप सिंह दीदारेवाला ने इस्तीफा दिया है, जबकि सीएम मान के पूर्व OSD ओंकार सिंह सिद्धू ने नीति की आलोचना की है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री के चचेरे भाई ज्ञान सिंह मान ने भी इस नीति के खिलाफ अपनी राय रखी है। जानें इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है।
 

लैंड पूलिंग नीति पर बढ़ता विरोध

पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग नीति को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। किसानों और विपक्षी दलों के विरोध के बाद, आम आदमी पार्टी के कई नेता भी इस नीति के खिलाफ खड़े हो गए हैं और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मोगा जिला योजना बोर्ड के अध्यक्ष हरमनदीप सिंह दीदारेवाला ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया है।


सीएम मान के पूर्व OSD का विरोध

सीएम भगवंत मान के पूर्व OSD ओंकार सिंह सिद्धू ने भी लैंड पूलिंग नीति का विरोध किया है। उन्होंने दिल्ली नेतृत्व पर निशाना साधते हुए एक पोस्ट में लिखा, 'जो पार्टी खुद को किसानों की हितैषी बताती है और एमएसपी देने का वादा करती है, वही अब किसानों की जमीनें छीनने वाली नीतियां बना रही है। यह स्पष्ट है कि यह नीति दिल्ली वालों के निजी लाभ के लिए बनाई गई है।'


सिद्धू ने यह भी कहा कि पंजाब के लोग कभी भी दिल्ली की मनमर्जी को स्वीकार नहीं करेंगे। सुनाम में हुई रैली के दौरान केजरीवाल के भाषण के दौरान लोगों का उठकर चले जाना इस बात का प्रमाण है कि पंजाब की जनता दिल्ली के नेतृत्व से नाराज है। उन्होंने लैंड पूलिंग नीति 2025 का विरोध करते हुए कहा कि यह केवल किसानों की नहीं, बल्कि पूरे पंजाब की लड़ाई है।


सीएम के चचेरे भाई का विरोध

मुख्यमंत्री भगवंत मान के चचेरे भाई ज्ञान सिंह मान ने भी इस नीति का विरोध किया। उन्होंने फेसबुक पर लिखा, 'जिस तरह कुर्बानी विरोधी कानून को जनता की राय जानने के लिए स्थायी समिति के पास भेजा गया है, उसी तरह लैंड पूलिंग बिल को लागू करने से पहले भूमि धारकों और किसानों की राय ली जानी चाहिए। इससे पंजाब की प्रगति और खुशहाली सुनिश्चित होगी।'


इसके अलावा, लुधियाना, संगरूर, धुरी, अमृतसर सहित कई स्थानों पर पार्टी के नेता इस बिल पर पुनर्विचार करने की मांग कर रहे हैं।