पंजाब में संपत्ति कर वसूली में कमी से सरकार की चिंताएं बढ़ीं
संपत्ति कर की वसूली में कमी
जालंधर: संपत्ति कर की वसूली में कमी राज्य के राजस्व में बाधा उत्पन्न कर रही है, जिससे नागरिक सेवाओं पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। लगभग 94,000 व्यावसायिक संपत्तियों से संबंधित संपत्ति कर के तहत करीब 1,100 करोड़ रुपये बकाया हैं, जिससे पंजाब में संपत्ति कर की वसूली अन्य राज्यों की तुलना में काफी पीछे रह गई है।
जन सेवाओं पर प्रभाव
इस राजस्व घाटे के कारण बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और शहरी विकास जैसी महत्वपूर्ण जन सेवाएं प्रभावित हो रही हैं, जो सीधे निवासियों को लाभ पहुंचाती हैं।
सरकार के प्रयास
स्थानीय निकाय विभाग और पंजाब सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए कई प्रयास किए हैं, जिसमें डिफॉल्टरों को नोटिस जारी करना, स्वैच्छिक अनुपालन के लिए अवसर प्रदान करना और वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी (ओटीएस) लाना शामिल है।
डिफॉल्ट करने वाले बड़े संस्थान
बड़े व्यावसायिक संस्थान, जो डिफॉल्ट में चल रहे हैं, उनमें शामिल हैं:
* वी-मार्ट रिटेल प्राइवेट लिमिटेड (लुधियाना और जालंधर में कई आउटलेट)
* रिलायंस ट्रेंड्स (अमृतसर और पटियाला में हाइपरमार्केट)
* बिग बाजार (मोहाली शाखा)
* पी.वी.आर. सिनेमा (चंडीगढ़ सेक्टर 17)
* स्पेंसर्स रिटेल (जालंधर और बठिंडा स्थित)
सरकार की अपील
सरकार जन कल्याण कार्यक्रमों को बनाए रखने के लिए वित्तीय अनुशासन और राजस्व जुटाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए इन संस्थाओं से अनुरोध किया गया है कि वे जुर्माने और कानूनी कार्रवाइयों से बचने के लिए अपने बकाया का तुरंत निपटारा करें।
ऑनलाइन टैक्स भुगतान
पंजाब सरकार नागरिकों और व्यवसायों को सुगम टैक्स भुगतान के लिए ऑनलाइन पोर्टलों का उपयोग करने और समय सीमा से पहले ओ.टी.एस. स्कीम के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।