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पंजाब राज्यसभा चुनाव में नवनीत चतुर्वेदी पर फर्जीवाड़े का आरोप

पंजाब राज्यसभा चुनाव में नवनीत चतुर्वेदी पर गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर 20 विधायकों की जाली मुहरें और फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप है। विधायकों ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और विधायकों की प्रतिक्रिया।
 

नवनीत चतुर्वेदी पर गंभीर आरोप

चंडीगढ़- पंजाब से राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने वाले नवनीत चतुर्वेदी पर गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने 20 विधायकों की जाली मुहरें और फर्जी हस्ताक्षर बनवाकर उन्हें अपने प्रस्तावक के रूप में प्रस्तुत किया।


विधायकों की शिकायत और पुलिस कार्रवाई

सोशल मीडिया पर इस फर्जीवाड़े की जानकारी फैलने के बाद प्रभावित विधायकों ने शिकायत दर्ज कराई। इसके परिणामस्वरूप, कई थानों में नवनीत चतुर्वेदी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।


विधायकों का पत्र

विधायकों ने DGP और विधानसभा सचिव को लिखा पत्र
अमृतसर के विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह सहित अन्य विधायकों ने पंजाब DGP गौरव यादव और विधानसभा सचिव राम लोक खटना को पत्र भेजकर स्पष्ट किया कि उन्होंने नवनीत चतुर्वेदी को प्रस्तावक के रूप में अधिकृत नहीं किया। पत्र में उल्लेख किया गया है कि उनकी जाली मुहरें बनाकर और फर्जी हस्ताक्षर कर नामांकन दाखिल किया गया। जिन विधायकों के नाम फर्जी तरीके से प्रस्तावक के तौर पर लगाए गए, उनमें रजनीश दहिया, नरेश कटारिया, सुखबीर सिंह मायसरखाना, रणबीर भुल्लर, गुरलाल सिंह घनौर, अमोलक सिंह, मंजीत सिंह बिलासपुर, कुलवंत सिंह पंडोरी, गुरप्रीत सिंह बन्नावाली और कुलवंत सिंह बाजीगर शामिल हैं।


नामांकन पत्रों की जांच

दो बार दाखिल किए गए नामांकन पत्र
पुलिस जांच के अनुसार, जयपुर निवासी नवनीत चतुर्वेदी ने राज्यसभा चुनाव के लिए दो बार नामांकन दाखिल किए। पहला नामांकन 6 अक्टूबर 2025 को और दूसरा 13 अक्टूबर 2025 को किया। उन्होंने दावा किया कि पंजाब के 69 विधायक उनके समर्थन में हैं, लेकिन विधायकों ने इस दावे को पूरी तरह से झूठा बताया है। शिकायतकर्ताओं के अनुसार, नामांकन पत्रों के साथ प्रस्तावकों की एक हस्तलिखित सूची लगाई गई थी, जिसमें उनके जाली हस्ताक्षर थे, जिसे सोशल मीडिया पर भी प्रसारित किया गया।


पुलिस की विस्तृत जांच

पुलिस ने शुरू की विस्तृत जांच
पंजाब पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि विधानसभा सदस्यों से शिकायतें मिलने के बाद तुरंत कानूनी कार्रवाई की गई है। नवनीत चतुर्वेदी और उनके अज्ञात सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अधिकारियों ने कहा कि "षड्यंत्र की पूरी सीमा का पता लगाने, शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान करने और फोरेंसिक एवं डिजिटल साक्ष्य जुटाने के लिए जांच जारी है।"