पंजाब सरकार का नशा विरोधी अभियान: सामूहिक प्रयासों से नशामुक्ति की दिशा में कदम
नशे के खिलाफ युद्ध: पंजाब सरकार की पहल
– नशे के खिलाफ जनसमर्थन बढ़ता जा रहा है
चंडीगढ़: पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने नशे के खिलाफ एक व्यापक अभियान शुरू किया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सामूहिक प्रयासों से पंजाब को नशामुक्त राज्य बनाया जा सके। इस अभियान के तहत, मान सरकार नशा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। नशा तस्करों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही हैं और उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है, साथ ही नशे से अर्जित संपत्तियों पर भी कार्रवाई की जा रही है। यह अभियान पिछले 300 दिनों से चल रहा है, जिसमें 41,300 से अधिक नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री ने पुलिस कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे पंजाब को नशामुक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाएं। इसके अलावा, नशा उन्मूलन के लिए एक 5 सदस्यीय कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा कर रहे हैं। राज्य सरकार ने नशे के खिलाफ तीन-स्तरीय रणनीति — प्रवर्तन, नशा मुक्ति और रोकथाम — लागू की है।
पंजाब सरकार ने 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूलों में नशा-विरोधी पाठ्यक्रम भी शुरू किया है, जिसका उद्देश्य बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना है। इसके अलावा, स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों के छोटे समूह बनाए जाते हैं, जो अपने साथियों को नशे के खतरों के बारे में जागरूक करते हैं। नशे के खिलाफ युद्ध 2.0 अभियान के तहत, ग्रामीण और शहरी निवासियों की समितियों का गठन किया गया है, जो ड्रग्स से संबंधित गतिविधियों पर नजर रखती हैं और पुलिस को सूचित करती हैं। कई पंचायतों ने प्रस्ताव पारित किए हैं कि वे अपने गांवों में नशे की बिक्री को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं और नशा बेचने वालों का सामाजिक बहिष्कार करेंगे। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में, पंजाब सरकार ने नशा पीड़ितों के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों और नशा मुक्ति केंद्रों में बिस्तरों की संख्या 1,000 बढ़ा दी है। यदि सरकारी केंद्रों पर बिस्तरों का पूरा उपयोग हो जाता है, तो निजी नर्सिंग संस्थानों और नशा मुक्ति केंद्रों की सेवाओं का भी उपयोग किया जाएगा, जिसका खर्च सरकार उठाएगी।
सीमा पार से नशे की तस्करी पर नियंत्रण
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का कहना है कि नशे के खिलाफ इस युद्ध के लिए एक व्यापक जन-आंदोलन की आवश्यकता है, जिसमें नागरिकों को पुलिस के साथ मिलकर काम करना चाहिए। सीमा पार से नशे की तस्करी को रोकने के लिए ड्रोन के उपयोग को देखते हुए, एक उन्नत ड्रोन-रोधी प्रणाली स्थापित की गई है। इसके साथ ही, निजी नशा मुक्ति केंद्रों की निगरानी और पुनर्वास केंद्रों में नशीले पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक नया कानून भी पारित किया गया है।