पंजाब सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम: मुख्यमंत्री मान का संकल्प
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम
-भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन 9501200200 पर फोन करके लोग पा रहे इंसाफ
चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब की जनता से भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का वादा किया था, जिसे उनकी सरकार ने पूरा करने में सफलता हासिल की है। अब लोग बिना किसी रिश्वत या सिफारिश के सरकारी सेवाएं प्राप्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री मान का कहना है कि भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या है, जो समाज को कमजोर बनाती है, और इसे समाप्त करना आवश्यक है। अब लोगों को यह चिंता नहीं रहती कि कोई सरकारी अधिकारी उनसे पैसे मांगेगा, क्योंकि रिश्वतखोरी का मामला पूरी तरह से खत्म हो चुका है। पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के खिलाफ एक प्रभावी 'जीरो टॉलरेंस नीति' लागू की है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि राज्य में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह प्रशासनिक अधिकारी हो, पुलिस अधिकारी या किसी राजनीतिक दल का नेता।
मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए 9501200200 पर भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन की शुरुआत की है। उनका मानना है कि भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं, जिनमें अधिकारियों की निगरानी, भ्रष्टाचार निरोधक हेल्पलाइन, मुख्यमंत्री सहायता केंद्र और मुख्यमंत्री डैशबोर्ड जैसी पहलें शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में अपनी सरकार के प्रयासों को पंजाब को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने तक जारी रखने का संकल्प लिया है।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि जब तक भ्रष्टाचार का पूरी तरह से अंत नहीं होता, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी। आंकड़ों के अनुसार, विजिलेंस ने कई बार ट्रैप लगाकर भ्रष्ट व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। जनवरी 2025 तक मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन पर 13,806 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 8,050 शिकायतें अन्य विभागों से संबंधित थीं। 917 शिकायतों को विजिलेंस ब्यूरो के संबंधित एसएसपी को जांच के लिए भेजा गया, जिनमें से 194 शिकायतें दर्ज की गईं और 194 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
इसके अतिरिक्त, 23 मार्च 2022 से 30 नवंबर 2024 के बीच ब्यूरो ने 695 मामलों में 778 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। इस अवधि में, विभिन्न अदालतों ने 89 सतर्कता मामलों का निपटारा किया, जिसमें 119 आरोपियों को सजा सुनाई गई और 239 सतर्कता जांच दर्ज की गईं। इसके अलावा, मई 2025 में 52 पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त किया गया, जिनमें से अधिकांश को भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी पाया गया। 2025 में विभिन्न भ्रष्टाचार के मामलों में कई केस दर्ज किए गए और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया।