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पंजाब सरकार ने बच्चों की भिक्षावृत्ति के खिलाफ उठाए ठोस कदम

पंजाब सरकार ने बच्चों की भिक्षावृत्ति के खिलाफ एक विशेष रेस्क्यू अभियान चलाया, जिसमें 15 जिलों में 20 बच्चों को सुरक्षित किया गया। इस अभियान के तहत कुल 169 बच्चों को बचाया गया है। मंत्री डा. बलजीत कौर ने बताया कि सरकार बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रही है। जानें इस अभियान की पूरी जानकारी और इसके सकारात्मक परिणाम।
 

15 जिलों में विशेष रेस्क्यू अभियान


पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डा. बलजीत कौर ने बताया कि राज्य में बाल भिक्षावृत्ति की समस्या को समाप्त करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए पंजाब सरकार संवैधानिक और मानवीय दृष्टिकोण से गंभीर है। इसी दिशा में, प्रोजेक्ट जीवनजोत 2.0 के तहत आज 15 जिलों में एक विशेष रेस्क्यू अभियान चलाया गया, जिसमें 20 बच्चों को भिक्षावृत्ति से बचाया गया।


सात दिन में 169 बच्चों का सफल रेस्क्यू

इस अभियान के सातवें दिन तक कुल 169 बच्चों को सुरक्षित किया जा चुका है। डा. कौर ने बताया कि विभाग की जिला बाल सुरक्षा टीमों ने बरनाला, बठिंडा, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का, होशियारपुर, जालंधर, मानसा, मलेरकोटला, मोगा, पटियाला, रूपनगर, संगरूर, एस.ए.एस. नगर (मोहाली), श्री मुक्तसर साहिब और तरनतारन में 29 स्थानों पर छापेमारी की।


बचाए गए बच्चों की स्थिति

डॉ. कौर ने कहा कि योजनाबद्ध तरीके से की गई कार्रवाई के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। कई स्थानों पर कोई बच्चा भीख मांगते नहीं मिला, जो सरकार की कोशिशों की सफलता को दर्शाता है। आज बचाए गए 20 बच्चों में से 9 को उनके माता-पिता को सौंप दिया गया, 6 बच्चों को बाल गृहों में भेजा गया और 5 बच्चों की जांच अभी जारी है।


उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आज किसी मामले में न तो कोई एफआईआर दर्ज की गई है और न ही डीएनए टेस्ट की आवश्यकता पड़ी। यदि दस्तावेजी जांच के बाद जरूरत महसूस हुई, तो डीएनए जांच भी करवाई जाएगी। मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार केवल बच्चों को भीख मांगने से रोकने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए भी प्रतिबद्ध है।