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पंजाब सरकार हाईकोर्ट में चुनौती देगी विश्वविद्यालय की सीनेट और सिंडिकेट भंग करने के खिलाफ

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट और सिंडिकेट को असंवैधानिक रूप से भंग करने के खिलाफ उच्च न्यायालय में जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की भी योजना बनाई है। साथ ही, छात्र संगठनों ने 'यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा' का गठन किया है और 10 नवंबर को विश्वविद्यालय बंद करने का ऐलान किया है। जानें इस विवाद के बारे में और क्या कदम उठाए जाएंगे।
 

पंजाब सरकार का हाईकोर्ट में जाने का निर्णय

चंडीगढ़ – पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने हाल ही में ट्वीट कर बताया कि पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ की सीनेट और सिंडिकेट को असंवैधानिक तरीके से भंग करने के खिलाफ राज्य सरकार उच्च न्यायालय का रुख करेगी। मान ने कहा कि हम इस अन्याय के खिलाफ एक मजबूत कानूनी टीम का गठन करेंगे, जिसमें देश के प्रतिष्ठित वकील शामिल होंगे। इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाने की योजना है ताकि पंजाब का पक्ष विधायी रूप से मजबूत किया जा सके। इससे पहले भी मान ने इस मामले में अपना विरोध व्यक्त किया था।


सेनेट और सिंडिकेट के भंग के खिलाफ 'यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा' का गठन किया गया है, जिसमें विभिन्न छात्र संगठनों के नेता शामिल हैं। पंजाब विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर कार्यालय के सामने लगातार धरना प्रदर्शन जारी है। मोर्चा ने 10 नवंबर को विश्वविद्यालय बंद करने का ऐलान किया है।