पंजाब-हरियाणा जल विवाद: सीएम मान ने केंद्र से स्थायी समाधान की मांग की
पंजाब के मुख्यमंत्री की अपील
कहा, चिनाब के पानी का रुख मोड़े केंद्र, पंजाब पूरा सहयोग देने को तैयार
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने एक बार फिर से केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि पंजाब और हरियाणा के बीच जल विवाद का स्थायी समाधान निकाला जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि चिनाब नदी के पानी को मोड़कर इसे भारतीय बांधों जैसे रणजीत सागर, पौंग या भाखड़ा के माध्यम से लाया जाए।
उन्होंने बताया कि इस अतिरिक्त जल को लाने के लिए नई नहरों और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होगी, जिसका निर्माण पंजाब में किया जाएगा। मान ने कहा कि पहले पंजाब की आवश्यकताओं को पूरा किया जाना चाहिए और उसके बाद बचे हुए पानी को हरियाणा और राजस्थान को वितरित किया जा सकता है।
एसवाईएल मुद्दे पर बैठक
मुख्यमंत्री मान ने मंगलवार को भारत सरकार से अपील की कि सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) के मुद्दे को समाप्त करके पंजाब और हरियाणा के बीच जल विवाद को हल करने के लिए चिनाब नदी के पानी का उपयोग किया जाए। उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल के साथ बैठक में इस पर चर्चा की।
उन्होंने बताया कि 9 जुलाई को हुई पिछली बैठक में केंद्र सरकार ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता निलंबित कर दिया गया है, जिससे भारत के लिए चिनाब नदी के पानी का उपयोग करने का एक बड़ा अवसर खुला है।
सीएम मान की अन्य अपीलें
मुख्यमंत्री ने एसवाईएल नहर के मुद्दे को समाप्त करने की वकालत करते हुए कहा कि शारदा यमुना लिंक के माध्यम से अतिरिक्त पानी को यमुना नदी में स्थानांतरित करना चाहिए और चिनाब के पानी को रोहतांग सुरंग के माध्यम से ब्यास नदी की ओर मोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि शारदा-यमुना लिंक परियोजना को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और अतिरिक्त पानी को यमुना नदी में उचित स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए।