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पटना में कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या: पुलिस ने आरोपी को मुठभेड़ में ढेर किया

पटना में कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या के मामले में पुलिस ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। विकास उर्फ राजा नामक आरोपी को मुठभेड़ में मार गिराया गया है। इस घटना ने व्यवसायी समुदाय में हड़कंप मचा दिया है और राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच टीम का गठन किया है। जानें इस हाई-प्रोफाइल हत्या के पीछे की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
 

पुलिस की बड़ी सफलता

पटना। कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या के मामले में पुलिस ने महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, एक आरोपी विकास उर्फ राजा को मुठभेड़ में मार गिराया गया है। पुलिस को उम्मीद है कि वह जल्द ही इस मामले का खुलासा करेगी।


मुठभेड़ की जानकारी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रात करीब ढाई बजे पुलिस और एसटीएफ की टीम विकास उर्फ राजा को पकड़ने गई थी। पटना सिटी के मालसलामी क्षेत्र में पीरदमरिया घाट के पास पहुंचने पर राजा ने अचानक पुलिस पर गोली चला दी। इसके जवाब में पुलिस ने कार्रवाई की और मुठभेड़ में राजा मारा गया। घटनास्थल से पुलिस ने एक पिस्तौल, गोली और खोखा बरामद किया है।


राजा का आपराधिक इतिहास

जानकारी के अनुसार, विकास उर्फ राजा पर आरोप है कि उसने शूटर उमेश यादव को हत्या के लिए हथियार मुहैया कराया था। इसी हथियार से गोपाल खेमका की हत्या की गई थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पटना पुलिस ने सोमवार को ही उमेश को गिरफ्तार किया था। उमेश ने पुलिस को बताया कि उसने राजा से यह हथियार खरीदा था। राजा अवैध तरीके से हथियार बनाने और बेचने का काम करता था।


हत्या का प्रभाव

शुक्रवार रात को पटना में व्यवसायी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिससे व्यवसायी समुदाय में हड़कंप मच गया और राज्य की राजधानी में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे।


इस हाई-प्रोफाइल हत्या ने नीतीश कुमार सरकार को उस समय मुश्किल में डाल दिया जब जेडी(यू) और बीजेपी का सत्तारूढ़ गठबंधन विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटा था। विपक्षी दलों, आरजेडी और कांग्रेस ने बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा।


इस चौंकाने वाली हत्या के बाद मुख्यमंत्री ने शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें व्यवसायी की हत्या की जांच जल्द से जल्द पूरी करने का निर्देश दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया था।