×

पवन खेड़ा की पत्नी के वोटर आईडी विवाद में नया मोड़

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की पत्नी नीलिमा पर दो अलग-अलग वोटर आईडी रखने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले को लेकर सबूत भी पेश किए और राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाए। इस विवाद में राजनीतिक और कानूनी पहलुओं की चर्चा भी हो रही है। कांग्रेस ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके संभावित प्रभाव।
 

पवन खेड़ा की पत्नी के वोटर आईडी विवाद

पवन खेड़ा की पत्नी के वोटर आईडी विवाद: बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक चौंकाने वाला आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की पत्नी नीलिमा के पास दो अलग-अलग वोटर आईडी (EPIC) नंबर हैं। उन्होंने इस मामले के सबूत एक्स प्लेटफॉर्म पर साझा किए और सवाल उठाया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस पर चुप क्यों हैं।


मालवीय के अनुसार, नीलिमा का नाम तेलंगाना विधानसभा की खैराताबाद सीट पर रजिस्टरड EPIC नंबर TDZ2666014 के तहत है, जो 2025 तक सक्रिय रहेगा। वहीं, उनका नाम नई दिल्ली विधानसभा की मतदाता सूची में भी है, जहां उन्हें K. Neelima के नाम से और एक अलग EPIC नंबर SJE0755975 के साथ शामिल किया गया है।


पवन खेड़ा की पत्नी के पास दो EPIC नंबर

मालवीय ने कहा, 'यह संयोग नहीं है कि कांग्रेस नेताओं के पास कई मतदाता पहचान पत्र हैं और वे एक से अधिक स्थानों पर रजिस्टरड मतदाता हैं। वोट चोरी में लिप्त लोग आम नागरिकों को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रयोग से रोक रहे हैं।'




बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख ने यह भी पूछा कि राहुल गांधी इन आरोपों पर चुप क्यों हैं। उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी को अपने खेमे के भीतर, खासकर सार्वजनिक पदों के इच्छुक लोगों और करीबी सहयोगियों की गतिविधियों पर जवाब देना चाहिए। उन्हें चुनाव आयोग से इस मामले की जांच करवानी चाहिए।' मालवीय ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन अवैध प्रवासियों और गैर-भारतीयों का समर्थन करते हैं, जिससे भारतीय मतदाता सूची और लोकतंत्र पर प्रभाव पड़ता है।


राजनीतिक और कानूनी पहलू

इस मामले से पहले भी राहुल गांधी और उनके करीबी सहयोगियों के खिलाफ दो वोटर कार्ड रखने का मामला चर्चा में आया था। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि ये आरोप सही साबित होते हैं, तो यह चुनावी कानून का उल्लंघन माना जाएगा। अमित मालवीय ने कहा, 'यह समस्या केवल पवन खेड़ा और उनके परिवार तक सीमित नहीं है। इसकी जड़ें ऊपर तक जाती हैं – जब सोनिया गांधी ने 1980 में मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करवाया था।'


कांग्रेस ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, नीलिमा और पवन खेड़ा के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच की जाएगी और सभी कानूनी पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा।