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पश्चिम बंगाल में तालाब से मिले आधार कार्डों से बढ़ा राजनीतिक विवाद

पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले में एक तालाब से सैकड़ों आधार कार्ड मिलने के बाद राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। यह घटना उस समय हुई जब राज्य में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण चल रहा था। स्थानीय अधिकारियों ने जानबूझकर कार्ड फेंके जाने की संभावना जताई है। भाजपा और टीएमसी के बीच इस मुद्दे पर तीखी नोकझोंक हो रही है, जिसमें भाजपा ने गड़बड़ी का आरोप लगाया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके राजनीतिक प्रभाव।
 

कोलकाता में आधार कार्डों की बरामदगी


कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले में एक तालाब से सैकड़ों आधार कार्ड मिलने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। यह घटना उस समय हुई जब राज्य में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण चल रहा है।


घटना का विवरण

यह मामला बुधवार को ललितपुर गांव के तालाब की सफाई के दौरान सामने आया, जब स्थानीय निवासियों ने एक भारी बोरा पानी में तैरता हुआ देखा। जांच के बाद पता चला कि बोरे में सैकड़ों आधार कार्ड थे। पुलिस के अनुसार, इन कार्डों पर दर्ज अधिकांश पते पास के हमीदपुर और पिला क्षेत्रों के निवासियों के हैं।


स्थानीय अधिकारियों की प्रतिक्रिया

स्थानीय प्रशासन ने इस बात से इनकार किया है कि कार्ड गलती से फेंके गए थे, और यह सुझाव दिया है कि यह जानबूझकर किया गया हो सकता है। सभी बरामद कार्ड जब्त कर लिए गए हैं और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इतने सारे आधार कार्ड तालाब में कैसे पहुंचे। अधिकारी अब दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच कर रहे हैं और आसपास के निवासियों से पूछताछ कर रहे हैं।


राजनीतिक टकराव की स्थिति

इस घटना के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच राजनीतिक टकराव और बढ़ गया है। भाजपा के नेताओं ने इस मामले में गड़बड़ी का आरोप लगाया है और इसे एसआईआर प्रक्रिया से जोड़ा है।


भाजपा का सोशल मीडिया अभियान

स्थानीय भाजपा नेता देवव्रत मंडल ने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया शुरू होने के बाद आधार कार्डों की बरामदगी एक गहरे रहस्य की ओर इशारा करती है। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाया और कहा कि यह घटना मतदाता सूची संशोधन की पारदर्शिता पर सवाल उठाती है।




ममता बनर्जी का विरोध

गौरतलब है कि राज्य की सत्तारूढ़ टीएमसी पहले ही चुनाव आयोग की इस पहल का विरोध कर चुकी है। हाल ही में ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया के खिलाफ रैली निकालकर इसे अनैतिक करार दिया था और भाजपा तथा चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला था।