×

पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची की तैयारी: एसआईआर प्रक्रिया का आगाज़

पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। दुर्गा पूजा के बाद, इस प्रक्रिया की शुरुआत छह अक्टूबर से होने की संभावना है। मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय ने इस अभियान की तैयारियों को अंतिम रूप दिया है। 2002 के एसआईआर डाटा को जनवरी 2025 की मतदाता सूची से मिलान किया जा रहा है। इसके साथ ही, चुनाव कर्मचारियों के लिए एक नया डिजिटल पोर्टल ईएमएमएस 2.0 लॉन्च किया गया है, जिससे चुनावी कार्यबल का प्रबंधन आसान होगा। जानें इस प्रक्रिया के महत्व और आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बारे में।
 

मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की तैयारी

SIR in West Bengal: पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। दुर्गा पूजा के बाद, इस प्रक्रिया की शुरुआत छह अक्टूबर से होने की उम्मीद है। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) कार्यालय द्वारा इस अभियान की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। भारतीय चुनाव आयोग ने बिहार के बाद अब पूरे देश में एसआईआर शुरू करने का निर्णय लिया है। बंगाल को इस प्रक्रिया में विशेष महत्व दिया गया है क्योंकि अगले वर्ष राज्य में विधानसभा चुनाव भी प्रस्तावित हैं.


सीईओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, 2002 में हुए एसआईआर के पुराने डाटा को जनवरी 2025 की मतदाता सूची से मिलान करने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि मतदाता सूची में सभी योग्य नागरिकों का नाम दर्ज हो और दोहराव या त्रुटियां हटाई जा सकें। इसके साथ ही 2026 में होने वाले बंगाल विधानसभा चुनावों की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। इसी क्रम में गुरुवार को सीईओ कार्यालय ने ‘इलेक्शन मैनपावर मैनेजमेंट सिस्टम’ (ईएमएमएस) 2.0 पोर्टल लॉन्च किया है, जिससे चुनाव में काम करने वाले कर्मचारियों की भर्ती और प्रबंधन डिजिटल माध्यम से आसान हो सकेगा.


डेटाबेस तैयार करने की प्रक्रिया

डेटाबेस तैयार करने का कार्य शुरू


शुक्रवार से इस पोर्टल पर चुनाव कर्मचारियों का डेटाबेस तैयार करने का कार्य शुरू हो गया है। आगामी चुनाव में लगभग 14,000 नए बूथ बनाए जाने की संभावना है, जिससे बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की कमी की आशंका जताई जा रही है। इस समस्या के समाधान के लिए पहले ही कई कर्मचारियों को बीएलओ की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है। साथ ही, सभी सरकारी विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने कर्मचारियों की जानकारी इस पोर्टल पर अपलोड करें। ऐसा न करने पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत कार्रवाई की जाएगी और संबंधित विभागाध्यक्ष को जिम्मेदार माना जाएगा.


ईएमएमएस 2.0 पोर्टल जिला और ब्लॉक स्तर पर चुनाव कर्मचारियों के डाटा प्रबंधन का डिजिटल प्लेटफॉर्म बनेगा। इसके जरिए कर्मचारियों की भर्ती, स्थानांतरण, सत्यापन और रिकॉर्ड अपडेट किए जा सकेंगे। इससे अधिकारी चुनावी कार्यबल की सटीक संख्या और स्थिति की जानकारी रख सकेंगे। यह पोर्टल नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) और पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय की संयुक्त पहल है। एसआईआर शुरू करने से पहले आयोग का उद्देश्य एक सटीक और व्यापक चुनावी कार्यबल डेटाबेस तैयार करना है, जिससे आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों को मजबूती मिल सके.