पाक सेना प्रमुख आसिम मुनीर का भारत के साथ संघर्ष में अल्लाह की मदद का दावा
नेशनल उलेमा कांफ्रेंस में आसिम मुनीर का बयान
पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने इस्लामाबाद में आयोजित नेशनल उलेमा कांफ्रेंस में कहा कि भारत के साथ हुए सैन्य संघर्ष में उन्हें अल्लाह की मदद का अनुभव हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि इस सहायता के कारण स्थिति को बिगड़ने से रोका जा सका। मुनीर ने बताया कि पाकिस्तान को हरमैन शरीफैन, यानी मक्का और मदीना की सुरक्षा का विशेष सम्मान प्राप्त है।
उनके भाषण का वीडियो पिछले रविवार को स्थानीय टीवी चैनलों पर प्रसारित किया गया। मुनीर ने धार्मिक संदर्भों का उल्लेख करते हुए पाकिस्तान की तुलना 1400 साल पहले पैगंबर मोहम्मद द्वारा स्थापित इस्लामी राज्य से की। उन्होंने कुरान की आयतें पढ़कर पाकिस्तान को इस्लामी दुनिया में विशेष स्थान बताया।
तालिबान से पाकिस्तान की सुरक्षा पर चर्चा
मुनीर ने पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा स्थिति पर भी चर्चा की और तालिबान सरकार से कहा कि वह पाकिस्तान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान में से किसी एक को चुनें। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में घुसपैठ करने वाले टीटीपी के आतंकियों में लगभग 70% अफगान हैं। उन्होंने यह सवाल उठाया कि क्या अफगानिस्तान पाक नागरिकों के खून के लिए जिम्मेदार नहीं है।
अफगानिस्तान से आए लोगों पर आंतरिक समस्याओं का आरोप
मुनीर ने यह भी कहा कि किसी इस्लामी देश में जिहाद का ऐलान करने का अधिकार केवल उस देश को होता है। बिना सरकारी अनुमति के कोई भी फतवा जारी नहीं कर सकता। उन्होंने यह दावा किया कि पाकिस्तान की अधिकांश आंतरिक समस्याओं के लिए अफगानिस्तान से आए लोग जिम्मेदार हैं।
भारत द्वारा एयरबेस पर हमले का उल्लेख
यह ध्यान देने योग्य है कि भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए थे। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। इसके बाद दोनों देशों के बीच चार दिन तक भारी गोलीबारी और सैन्य टकराव हुआ, जो 10 मई को समझौते के बाद रुका। इस संघर्ष के दौरान भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस को नष्ट कर दिया था।
आसिम मुनीर का विशेष पद
आसिम मुनीर पाकिस्तान के पहले सैन्य अधिकारी हैं जो एक साथ सीडीएफ और सीओएएस दोनों पदों का कार्यभार संभाल रहे हैं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उनकी नियुक्ति की सिफारिश करते हुए राष्ट्रपति को समरी भेजी थी। मुनीर को इस वर्ष फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया था। पाकिस्तान सरकार ने 4 दिसंबर को उन्हें देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ नियुक्त किया था।