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पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ता तनाव: युद्ध की आहट

दक्षिण एशिया में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर से बढ़ता जा रहा है। हाल ही में इस्तांबुल में हुई शांति वार्ता विफल रही, जिसके बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने तालिबान को खुली धमकी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपने हथियारों का एक प्रतिशत भी इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस तनाव के पीछे कई कारण हैं, जिसमें हाल के हवाई हमले और सीमा पर बढ़ते विवाद शामिल हैं। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और क्या हो सकता है आगे।
 

दक्षिण एशिया में तनाव की स्थिति

इस्लामाबाद - दक्षिण एशिया में हालात एक बार फिर से नाज़ुक होते नजर आ रहे हैं। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ता तनाव अब खुली लड़ाई की ओर बढ़ रहा है। इस्तांबुल में हुई शांति वार्ता के असफल होने के कुछ घंटों बाद, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने तालिबान शासन को स्पष्ट धमकी दी।


पाक रक्षा मंत्री की चेतावनी

“एक फीसदी हथियार भी काफी होंगे” — पाक रक्षा मंत्री
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आसिफ ने लिखा, “तालिबान शासन को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान को अपने हथियारों का केवल एक प्रतिशत भी इस्तेमाल करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यदि उन्होंने पाकिस्तान पर हमले जारी रखे, तो हम उन्हें फिर से गुफाओं में धकेल देंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर तालिबान ने सीमा पार से आतंक फैलाना जारी रखा, तो तोरा बोरा जैसी स्थिति दोबारा देखने को मिलेगी।


इस्तांबुल वार्ता का परिणाम

इस्तांबुल वार्ता रही बेनतीजा
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रतिनिधियों के बीच चार दिनों तक चली वार्ता का कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। इससे पहले, 19 अक्टूबर को कतर की राजधानी दोहा में दोनों देशों ने अस्थायी युद्धविराम पर सहमति जताई थी, लेकिन तुर्की में हुई चर्चा विफल रही। अफगानिस्तान ने वार्ता की असफलता के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया, यह आरोप लगाते हुए कि इस्लामाबाद अफगान हवाई क्षेत्र का उल्लंघन रोकने और अमेरिकी ड्रोन की उड़ानें बंद करने के लिए तैयार नहीं था। दोनों देशों की सीमाएं पिछले दो सप्ताह से बंद हैं।


पाकिस्तान के हमले और जवाबी कार्रवाई

पाकिस्तान ने अफगान ठिकानों पर किए थे हमले
तनाव की शुरुआत इस महीने की शुरुआत में हुई जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में तालिबान के कई ठिकानों पर हवाई हमले किए। इन हमलों में कई लोगों की मौत हुई। अफगानिस्तान ने आरोप लगाया कि मारे गए ज्यादातर लोग नागरिक थे, जिसके बाद तालिबान ने पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर जवाबी हमला किया। तालिबान का दावा है कि इस जवाबी हमले में 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। हाल के कुछ सप्ताहों में दोनों देशों के बीच शब्द युद्ध भी तेज हो गया है। पाकिस्तान लगातार अफगानिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगा रहा है, जबकि तालिबान का कहना है कि पाकिस्तान अपने आंतरिक संकटों से ध्यान भटकाने के लिए सीमा पर तनाव बढ़ा रहा है। पाक रक्षा मंत्री आसिफ ने हाल ही में कहा था कि अगर इस्तांबुल वार्ता विफल रही तो इसका मतलब “खुला युद्ध” होगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “अफगानिस्तान भारत के इशारे पर काम कर रहा है।”