पाकिस्तान और सऊदी अरब के रक्षा समझौते पर ख्वाजा आसिफ का विवादास्पद बयान
पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच रक्षा समझौता
पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हाल ही में हुए रक्षा समझौते ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी है। इस समझौते के संदर्भ में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसने सभी को चौंका दिया है। उन्होंने पाकिस्तानी मीडिया से बातचीत में कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी, तो पाकिस्तान अपना परमाणु कार्यक्रम सऊदी अरब को सौंप सकता है। यह पहली बार है जब पाकिस्तान ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम सऊदी अरब से जुड़ा हुआ है। इस बयान से दोनों देशों के बीच के पुराने संबंधों को और मजबूती मिलती दिख रही है।रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल पर दिए गए इंटरव्यू में कहा कि हमने पहले ही परमाणु क्षमता हासिल कर ली है। हमारी सेना पूरी तरह से तैयार है और जो कुछ भी हमारे पास है, वह सऊदी अरब को समझौते के तहत उपलब्ध कराया जाएगा। इस बयान ने दुनिया को चौंका दिया है और विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल एक रक्षा डील का हिस्सा नहीं, बल्कि भविष्य की रणनीति का संकेत भी हो सकता है।
पाकिस्तान के रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल फिरोज हसन ने पहले ही बताया था कि सऊदी अरब ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम में महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान की थी। उस समय पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के अधीन था, फिर भी सऊदी अरब ने आर्थिक मदद देने में कोई कमी नहीं छोड़ी।
भारत और पाकिस्तान के बीच हमेशा से परमाणु शक्ति को लेकर प्रतिस्पर्धा रही है। अमेरिकी रिपोर्टों के अनुसार, भारत के पास लगभग 172 परमाणु हथियार हैं, जबकि पाकिस्तान के पास लगभग 170 हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या सऊदी अरब भी इस गणना में शामिल होगा?