पाकिस्तान का कर्ज ऐतिहासिक उच्चतम स्तर पर पहुंचा, आर्थिक स्थिति चिंताजनक
पाकिस्तान का कर्ज अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुँच गया है, जो 76 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गया है। इस स्थिति ने देश की वित्तीय स्थिरता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि पिछले चार वर्षों में कर्ज लगभग दोगुना हो गया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों से सहायता मांगने की आवश्यकता पर जोर दिया है। जानें इस संकट के पीछे के कारण और पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति के बारे में अधिक जानकारी।
Jun 9, 2025, 19:28 IST
पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति
पाकिस्तान के हालिया आर्थिक सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है कि देश का कर्ज अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुँच गया है, जिससे उसकी वित्तीय स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। दस्तावेज़ में बताया गया है कि मार्च 2025 तक पाकिस्तान का कुल सार्वजनिक ऋण 76,007 बिलियन पाकिस्तानी रुपये (76 ट्रिलियन) तक पहुँच गया है, जो कि देश के इतिहास में सबसे अधिक है। भारतीय रुपये में यह राशि 23.1 ट्रिलियन रुपये और अमेरिकी डॉलर में 269.344 बिलियन है। पिछले चार वर्षों में पाकिस्तान का सार्वजनिक ऋण लगभग दोगुना हो गया है, जो 2020-21 में 39,860 बिलियन रुपये था। एक दशक पहले, यह ऋण 17,380 बिलियन रुपये था, जिससे स्पष्ट होता है कि पिछले दस वर्षों में यह लगभग पाँच गुना बढ़ गया है।
ऋण का विवरण
76,007 बिलियन रुपये के इस आंकड़े में 51,518 बिलियन रुपये का घरेलू ऋण और 24,489 बिलियन रुपये का बाहरी ऋण शामिल है। आर्थिक सर्वेक्षण में चेतावनी दी गई है कि "अत्यधिक या खराब तरीके से प्रबंधित ऋण गंभीर कमज़ोरियाँ पैदा कर सकता है, जैसे कि ब्याज का बोझ बढ़ना और यदि इसे अनदेखा किया जाए तो यह दीर्घकालिक राजकोषीय स्थिरता और आर्थिक सुरक्षा को कमजोर कर सकता है।" पाकिस्तान को आईएमएफ की विस्तारित निधि सुविधा के तहत 1.03 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता प्राप्त हुई है। सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि वित्त वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में सार्वजनिक ऋण में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अंतरराष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता
पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मित्र देशों से राहत पैकेज मांगने के लिए एक नकारात्मक छवि बना ली है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि जब भी वे किसी मित्र देश से संपर्क करते हैं, तो उन्हें लगता है कि पाकिस्तान केवल पैसे मांगने आया है। शरीफ ने यह भी उल्लेख किया कि छोटी अर्थव्यवस्थाएं भी पाकिस्तान से आगे बढ़ गई हैं और पिछले 75 वर्षों से पाकिस्तान आर्थिक सहायता के लिए भटक रहा है। विश्व बैंक के अनुसार, भारत ने रिकॉर्ड संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है, जबकि पाकिस्तान की लगभग 45 प्रतिशत आबादी गरीबी में जी रही है, जिसमें 16.5 प्रतिशत लोग अत्यधिक गरीबी में हैं।