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पाकिस्तान की चिंता: ईरान-इजरायल तनाव से बढ़ सकता है आतंकवाद का खतरा

पाकिस्तान ने ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। इस्लामाबाद को आशंका है कि ईरान में उत्पन्न अस्थिरता का फायदा उठाकर आतंकवादी संगठन सक्रिय हो सकते हैं। सेना प्रमुख असीम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से इस मुद्दे पर चर्चा की, जबकि जैश अल-अदल जैसे समूहों ने इसे एक अवसर बताया है। पाकिस्तान को अपने भीतर के बलूच उग्रवादियों से भी खतरा महसूस हो रहा है। जानें इस स्थिति का क्षेत्रीय स्थिरता पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
 

पाकिस्तान की गंभीर चिंताएं

पाकिस्तान ने ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव को लेकर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। इस्लामाबाद को डर है कि ईरान में उत्पन्न अस्थिरता का लाभ उठाकर पाक-ईरान सीमा पर सक्रिय आतंकवादी संगठन फिर से सक्रिय हो सकते हैं। लगभग 900 किलोमीटर लंबी इस सीमा पर पहले से ही कई अलगाववादी और उग्रवादी समूह मौजूद हैं, जो दोनों देशों की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं.


असीम मुनीर की ट्रंप से बातचीत

पाकिस्तानी सेना के प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की, जिसमें उन्होंने इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष के चलते पाक-ईरान सीमा पर सक्रिय चरमपंथी और अलगाववादी ताकतें अपनी गतिविधियों को बढ़ा सकती हैं। ट्रंप ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पाकिस्तान शायद ही कभी किसी चीज से संतुष्ट होता है.


जैश अल-अदल का बयान

इस बीच, पाकिस्तान से संचालित ईरानी सुन्नी चरमपंथी संगठन जैश अल-अदल ने इस संघर्ष को एक 'सुनहरा अवसर' बताया है। संगठन ने 13 जून को एक बयान जारी कर ईरान के बलूच और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों से विद्रोह में शामिल होने की अपील की, जिससे पाकिस्तान की चिंताएं और बढ़ गई हैं.


पाकिस्तान को आंतरिक खतरे

पाकिस्तान को अपने देश के भीतर सक्रिय बलूच उग्रवादियों से भी खतरा महसूस हो रहा है, जो ईरान में भी नेटवर्क बना चुके हैं। पाकिस्तानी विश्लेषक सिंबल खान का मानना है कि यदि हालात और बिगड़ते हैं, तो ये समूह 'ग्रेटर बलूचिस्तान' आंदोलन का रूप ले सकते हैं। पूर्व राजदूत मलीहा लोधी ने चेतावनी दी है कि अनियंत्रित सीमावर्ती क्षेत्र आतंकवादी संगठनों के लिए उपजाऊ ज़मीन बन सकते हैं.


पाकिस्तान की आधिकारिक प्रतिक्रिया

पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा कि ईरान की स्थिति पाकिस्तान के लिए अत्यंत संवेदनशील है और यह पूरे क्षेत्र की स्थिरता को खतरे में डाल सकती है। पाकिस्तान ने इजरायल की सैन्य कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है.