×

पाकिस्तान की राजनीति में नया मोड़: फौज की बढ़ती ताकत

पाकिस्तान की राजनीति में एक नया मोड़ आ रहा है, जहां सेना की बढ़ती ताकत और राष्ट्रपति प्रणाली के संभावित कार्यान्वयन की चर्चा हो रही है। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के इस्तीफे की संभावना और फील्ड मार्शल असीम मुनीर की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। क्या बिलावल भुट्टो को नया प्रधानमंत्री बनाया जाएगा? जानें इस राजनीतिक उथल-पुथल के पीछे की कहानी।
 

पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति

पाकिस्तान की राजनीति: पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति एक बार फिर से अस्थिरता के दौर में प्रवेश कर चुकी है। इस समय चर्चा है कि सत्ता पूरी तरह से सेना के नियंत्रण में जा सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से इस्तीफा मांगा जा सकता है, और उनकी जगह सेना प्रमुख असीम मुनीर को नया राष्ट्रपति बनाया जा सकता है।


संविधान में संभावित बदलाव

इसके अलावा, मौजूदा संसदीय प्रणाली को समाप्त कर राष्ट्रपति प्रणाली लागू करने की भी बातें चल रही हैं। यदि ऐसा होता है, तो प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की स्थिति भी संकट में पड़ सकती है, और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) बिलावल भुट्टो को नया प्रधानमंत्री बनाने की मांग कर रही है।


फील्ड मार्शल असीम मुनीर की बढ़ती भूमिका

क्यों चर्चा में हैं फील्ड मार्शल असीम मुनीर?


हाल ही में फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत हुए असीम मुनीर अब पाकिस्तान के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति बन गए हैं। इस रैंक के साथ उन्हें आजीवन सुरक्षा, विशेषाधिकार और कानूनी सुरक्षा प्राप्त होती है। उनकी विदेश यात्राएं और राजनीतिक गतिविधियां यह दर्शाती हैं कि वे केवल सेना तक सीमित नहीं रहना चाहते।


शहबाज शरीफ और PMLN का विरोध

शहबाज शरीफ और PMLN का विरोध क्यों?


वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनकी पार्टी PMLN इस बदलाव का खुलकर विरोध कर रही हैं। उन्हें चिंता है कि राष्ट्रपति प्रणाली लागू होने पर न केवल उनकी सरकार गिर जाएगी, बल्कि शरीफ परिवार की राजनीतिक स्थिति भी कमजोर हो जाएगी। इसलिए, पार्टी सेना के विभिन्न गुटों से संपर्क साधने की कोशिश कर रही है।


बिलावल भुट्टो की संभावित प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी

क्या बिलावल होंगे नए प्रधानमंत्री?


आसिफ अली जरदारी की गिरती सेहत के चलते खबरें हैं कि वे इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं, बशर्ते बिलावल को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाए। PPP चाहती है कि बिलावल को प्रधानमंत्री बनाया जाए, हालांकि पार्टी के भीतर इस पर सहमति नहीं है।


पाकिस्तान में तख्तापलट का इतिहास

क्या फिर होगा तख्तापलट?


यह पहली बार नहीं होगा जब पाकिस्तान में सेना सत्ता पर काबिज होगी। इससे पहले अयूब खान, जिया-उल-हक और परवेज मुशर्रफ भी सीधे राष्ट्रपति बने थे। फर्क यह है कि असीम मुनीर का यह कदम बिना हथियारों के, 'सॉफ्ट कू' के रूप में सामने आ सकता है।