पाकिस्तान के खुजदार में सैन्य अभियान से बढ़ा मानवीय संकट
खुजदार जिले में सैन्य कार्रवाई का प्रभाव
नई दिल्ली। पाकिस्तान के खुजदार जिले के ज़ेहरी क्षेत्र में चल रहे सैन्य अभियान के दौरान कई लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। पाकिस्तानी सेना ने स्थानीय नागरिकों पर ड्रोन से हमले किए हैं। यह सैन्य कार्रवाई पिछले चार दिनों से जारी है, जिससे खुजदार में मानवीय संकट गहरा गया है। संचार सेवाएं ठप होने और सड़कें अवरुद्ध होने के कारण स्थिति की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पा रही है। रिपोर्टों के अनुसार, ईंधन और खाद्य सामग्री की कमी गंभीर होती जा रही है, और तीन दिनों के पूर्ण लॉकडाउन के बाद पेट्रोल की आपूर्ति लगभग समाप्त हो गई है।
द बलूचिस्तान पोस्ट के अनुसार, कोचाव में पाकिस्तानी सेना की बमबारी ने कपास के खेतों को नष्ट कर दिया है, जिससे स्थानीय किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। चश्मा में तोपखाने और मोर्टार की गोलाबारी से भय का माहौल बना हुआ है, हालांकि अभी तक किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है। डांडार और मोरेन्की जैसे आसपास के गांवों को भी भारी गोलाबारी का सामना करना पड़ रहा है। आवासीय भवनों को नुकसान पहुंचने की खबरें हैं, जबकि अधिकारी क्षेत्र का सर्वेक्षण कर रहे हैं। ज़ेहरी में इंटरनेट बंद होने के कारण विश्वसनीय जानकारी की कमी है। यह सैन्य अभियान बलूच लिबरेशन आर्मी और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट जैसे स्वतंत्रता समूहों के खिलाफ चलाया जा रहा है, जिन्होंने अगस्त में ज़ेहरी पर नियंत्रण स्थापित किया था। पाकिस्तानी सेना ने हवाई ड्रोन, बख्तरबंद वाहनों और भारी तोपखाने के माध्यम से इन सशस्त्र समूहों से क्षेत्र को पुनः प्राप्त करने के लिए आक्रमण शुरू किया है। संचार लाइनें कट जाने और मानवीय पहुंच अवरुद्ध होने के कारण नागरिकों के हताहत और संपत्ति को हुए नुकसान का पता नहीं चल पा रहा है। घटती आपूर्ति और बढ़ते डर की रिपोर्टें दर्शाती हैं कि स्थानीय आबादी इस संघर्ष का खामियाजा भुगत रही है। बलूचिस्तान पोस्ट ने बताया है कि ब्लैकआउट जारी रहने के कारण लोगों की आवाजें दब गई हैं, और सैन्य कार्रवाई की छाया में उनका भविष्य अनिश्चित बना हुआ है।