पाकिस्तान के झूठे दावों का हुआ पर्दाफाश, सैटेलाइट इमेज ने खोली सच्चाई
पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी
पाकिस्तान को एक बार फिर वैश्विक स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। भू-खुफिया विशेषज्ञ डेमियन साइमन ने पाकिस्तान के झूठे दावों को तथ्यों के साथ उजागर किया। कुछ पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों में यह कहा गया था कि पिछले महीने भारत के साथ चार दिवसीय सैन्य झड़प के दौरान पाकिस्तानी सेना ने आदमपुर एयरबेस पर हमला किया था।
सैटेलाइट इमेज से खुलासा
डेमियन साइमन ने इस दावे की सच्चाई को उजागर करते हुए मार्च 2025 की एक सैटेलाइट तस्वीर साझा की। यह तस्वीर संघर्ष शुरू होने से लगभग दो महीने पहले की है, जिसमें आदमपुर एयरबेस पर मिग-29 लड़ाकू विमानों का नियमित रखरखाव दिखाया गया है। तस्वीर में इंजन टेस्टिंग क्षेत्र के पास काले धुएं के निशान हैं, जो सामान्य हैं और किसी हमले का प्रमाण नहीं देते। इस प्रकार, पाकिस्तान द्वारा प्रस्तुत सबूत पूरी तरह से झूठे साबित हुए हैं।
ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान का दुष्प्रचार
भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत की गई जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इसके बाद, पाकिस्तान ने अपने नुकसान को छुपाने और भारत की छवि को खराब करने के लिए एक दुष्प्रचार अभियान शुरू किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके JF-17 फाइटर जेट से दागी गई मिसाइलों ने रूस निर्मित एस-400 डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया है, जिसे भारत ने आदमपुर एयरबेस पर तैनात किया था।
प्रधानमंत्री मोदी का आदमपुर एयरबेस दौरा
पाकिस्तानी दावे को एक बड़ा झटका तब लगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 मई को आदमपुर एयरबेस का दौरा किया। उन्होंने वहां जवानों से मुलाकात की और उनकी हौसला अफजाई की। उनके पीछे मिग-29 जेट और पूरी तरह से सुरक्षित एस-400 सिस्टम स्पष्ट रूप से नजर आया, जिससे पाकिस्तान का झूठ दुनिया के सामने उजागर हो गया।
फर्जी सैटेलाइट इमेज का खुलासा
पाकिस्तानी सेना ने एक नकली उपग्रह चित्र साझा किया था जिसमें यह दावा किया गया था कि एस-400 को नुकसान पहुंचा है। लेकिन उस तस्वीर में कोई भी विस्फोट, मलबा या क्षति का निशान नहीं दिखा। सोशल मीडिया पर इस झूठ की तुरंत पोल खुल गई और विशेषज्ञों ने भी इसे खारिज कर दिया।
आदमपुर एयरबेस का महत्व
आदमपुर एयरबेस भारत का दूसरा सबसे बड़ा वायुसेना अड्डा है, जो पंजाब सीमा से केवल 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह 1965 के भारत-पाक युद्ध के समय से ही रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रहा है। उस युद्ध में भी पाकिस्तान इस बेस को निशाना नहीं बना सका था। आज भी यहां मिग-29 और सुखोई-30 एमकेआई जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान तैनात हैं। आदमपुर की रणनीतिक स्थिति इसे जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान जैसे सीमावर्ती राज्यों की हवाई सुरक्षा में महत्वपूर्ण बनाती है।