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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने भारत की सैन्य गतिविधियों पर जताई चिंता

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारतीय सेना की संभावित सैन्य कार्रवाई को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि भारत सीमा पार सैन्य अभियान चला सकता है और इस पर पाकिस्तान को गंभीरता से विचार करना चाहिए। आसिफ ने भारतीय सेना प्रमुख के बयान को लेकर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद समाप्त करने की चेतावनी दी थी। आसिफ ने भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए कहा कि अफगानिस्तान से घुसपैठ में भारत की भूमिका है। इसके अलावा, उन्होंने गाजा मुद्दे पर पाकिस्तान की स्थिति स्पष्ट की।
 

भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारतीय सेना की संभावित सैन्य कार्रवाई को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि भारत सीमा पार सैन्य अभियान चला सकता है, और पाकिस्तान को भारतीय सेना प्रमुख के हालिया बयान को हल्के में नहीं लेना चाहिए।


यह प्रतिक्रिया तब आई है जब भारत के सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद समाप्त करने की कड़ी चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि 88 घंटे का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक ‘ट्रेलर’ था, और भविष्य में परिस्थितियों के अनुसार भारत अपने पड़ोसी देश को जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाने के लिए तैयार है।


एक पाकिस्तानी टीवी चैनल से बातचीत में आसिफ ने भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए कहा कि अफगानिस्तान से होने वाली घुसपैठ में भारत की भूमिका है। उन्होंने यह भी दावा किया कि सऊदी अरब, यूएई, ईरान, और चीन जैसे कई देश पाकिस्तान में सीमा पार हमलों को रोकने के लिए इच्छुक हैं। इसके साथ ही, उन्होंने अफगानिस्तान को ‘आतंकवादियों के ठिकाने’ के रूप में वर्णित किया।


आसिफ का बयान: भारत फिर से हमला कर सकता है आसिफ ने कहा कि भारत नहीं चाहता कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान आपसी मुद्दों का समाधान कर लें। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान दो मोर्चों पर उलझ सकता है, जबकि ऐसी स्थिति में भारत संघर्ष से बच सकता है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि कुछ लोग भारत को उसके ‘पूर्व अपमान’ की याद दिलाते हैं, जिससे पाकिस्तान भारत पर भरोसा नहीं कर सकता। उनके अनुसार, भारत सीमा पार हमला करने की कोशिश भी कर सकता है।


गाजा मुद्दे पर आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय शांति बल में शामिल होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान अब्राहम समझौते में शामिल होने की कोई योजना नहीं रखता और इस समझौते पर उसकी स्थिति स्पष्ट है।


उन्होंने जोर दिया कि जब तक दो-राज्य समाधान लागू नहीं होता, पाकिस्तान अपना रुख नहीं बदलेगा। ख्वाजा आसिफ ने बढ़ती जनसंख्या को एक गंभीर चुनौती बताते हुए इसे एक ‘टिक-टिक करता हुआ खतरा’ करार दिया। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सबसे प्रभावशाली संस्था नौकरशाही है, और जब तक शक्ति निर्वाचित प्रतिनिधियों को नहीं सौंपी जाती, तब तक समस्याओं का समाधान संभव नहीं है।