पाकिस्तान के सेना प्रमुख का परमाणु युद्ध की धमकी: क्या है असली मंशा?
आसिम मुनीर की परमाणु धमकी
आसिम मुनीर का बयान: भारत के ऑपरेशन सिंदूर में हार के बाद, पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने अमेरिका में एक निजी डिनर में परमाणु हमले की चेतावनी दी है। टाम्पा में उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में भारत के साथ युद्ध होता है और पाकिस्तान को अपने अस्तित्व का खतरा महसूस होता है, तो वह पूरे क्षेत्र को परमाणु युद्ध में झोंकने के लिए तैयार हैं। मुनीर ने कहा, "अगर हम डूब रहे होंगे, तो आधी दुनिया को साथ ले जाएंगे।"
सिंधु जल संधि पर नाराजगी
इस डिनर में मुनीर ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को रद्द करने पर भी अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से पाकिस्तान के लगभग 25 करोड़ लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ सकता है। मुनीर ने यह भी कहा, "हम देख रहे हैं कि भारत कब बांध बनाएगा। जब वो बनाएगा, तो हम उसे 10 मिसाइलों से नष्ट कर देंगे। हमारे पास मिसाइलों की कोई कमी नहीं है।" उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सिंधु नदी भारत की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है।
अमेरिका दौरे की महत्वपूर्ण मुलाकातें
यह मुनीर का अमेरिका का दूसरा दौरा था। पहले दौरे में उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी। इस बार भी उन्होंने अमेरिका के प्रमुख सैन्य और राजनीतिक नेताओं से बातचीत की। टाम्पा में उन्होंने सेंटकॉम के निवर्तमान कमांडर जनरल माइकल ई. कुरिल्ला के विदाई समारोह और एडमिरल ब्रैड कूपर के कमान संभालने के कार्यक्रम में भाग लिया।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद का तनाव
भारत ने अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद मई में पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इस सैन्य अभियान में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में कई आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया। इसके साथ ही, पाकिस्तान के कई एयरबेस को भी नुकसान पहुंचाया गया। इस ऑपरेशन के बाद से पाकिस्तान की प्रतिक्रिया में स्पष्ट बौखलाहट देखी जा रही है, और मुनीर की धमकियां इसी का परिणाम मानी जा रही हैं।
पाकिस्तान की लगातार आ रही धमकियों के बावजूद, भारत की रणनीति आतंकवाद के खिलाफ सख्ती और जवाबी कार्रवाई पर केंद्रित है। फील्ड मार्शल मुनीर के परमाणु बयान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि को और भी अस्थिर किया है। वहीं, भारत की सैन्य कार्रवाई और कूटनीति ने उसकी वैश्विक साख को मजबूत किया है।